केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने देश में कोरोना संक्रमण के कारण निरस्त की गई 10वीं बोर्ड की परीक्षा परिणाम के लिये अंक निर्धारण नीति की घोषणा की। सीबीएसई की नीति के अनुसार प्रत्येक विषय में हर वर्ष की तरह 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन, जबकि 80 प्रतिशत अंक पूरे वर्ष के दौरान हुई विभिन्न परीक्षाओं के आधार पर दिये जाएंगे।
इसके साथ ही सीबीएसई ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा की परिणाम सारणी तैयार करने के लिये संबद्ध स्कूलों को आठ सदस्य समिति गठित करने का निर्देश दिया है। वहीं सीबीएसई के अनुसार दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के परिणाम 20 जून तक घोषित किए जाएंगे।
सीबीएसई के के अनुसार स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके द्वारा प्रदान किये गए अंक 10वीं की पिछली बोर्ड परीक्षा में स्कूल के प्रदर्शन के अनुरूप हों। स्कूलों को परिणामों को अंतिम रूप देने के लिये प्रधानाध्यापक के नेतृत्व में आठ सदस्यीय समिति गठित करनी होगी। साथ ही मूल्यांकन में पक्षपातपूर्ण और भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने में संलिप्त स्कूलों पर जुर्माना लगाया जाएगा या फिर उनकी संबद्धता रद्द कर दी जाएगी।
सीबीएसई की नीति के अनुसार सीबीएसई छात्र का मूल्यांकन प्रत्येक विषय के कुल 100 अंकों में से 20 अंकों का होगा। 80 अंक ईयर-एंड परीक्षा के लिए निर्धारित हैं। छात्रों का 20 अंकों लिए यह आंतरिक मूल्यांकन उनके स्कूलों द्वारा तैयार किया जाएगा।
सीबीएसई के अनुसार परीक्षाएं रद्द होने के कारण शेष 80 अंकों का डेटा भी स्कूलों को ही तैयार करना होगा। इसके लिए स्कूल द्वारा एक साल के दौरान आयोजित किए गए विभिन्न टेस्ट एवं परीक्षा को आधार बनाया जाएगा। ये अंक स्कूल की पिछली परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के समान होंगे।