सरकार ने बीमा सेवाओं की खामियों के संबंध में शिकायतों के समय पर, लागत प्रभावी और निष्पक्ष तरीके से समाधान की सुविधा के लिए बीमा लोकपाल तंत्र की कार्यविधि को बेहतर बनाने की दृष्टिकोण के साथ बीमा लोकपाल नियमावली 2017 में 2 मार्च 2021 को व्यापक संशोधनों को अधिसूचित किया है।
पहले सेवा में बीमा कर्मचारियों, एजेंटों, ब्रोकरों और अन्य बिचौलियों की सेवा में खामियों की ही लोकपाल को शिकायतें की जाती थी, लेकिन संशोधित नियमों ने लोकपाल के शिकायत के दायरे को बढ़ा दिया है। इसके अलावा बीमा ब्रोकरों को भी लोकपाल तंत्र के दायरे में लाया गया है और बीमा ब्रोकरों के खिलाफ अवार्ड पारित करने के लिए लोकपालों को सशक्त बनाया गया है।
संशोधित नियमों के तहत, अब यह तंत्र काफी सीमा तक समयबद्धता और लागत-प्रभावी रूप से मजबूत हुआ है। अब पॉलिसीधारक लोकपाल को अपनी शिकायतें इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने में सक्षम हो जाएंगे और शिकायत प्रबंधन प्रणाली का निर्माण किया जाएगा ताकि पॉलिसीधारक अपनी शिकायतों की स्थिति का ऑनलाइन पता लगा सके।
इसके अलावा, लोकपाल सुनवाई के लिए वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग का भी उपयोग कर सकते हैं। अगर किसी विशेष लोकपाल का पद रिक्त है तो उस स्थिति में लोकपाल तंत्र के माध्यम से शिकायतकर्ता को राहत पाने में सक्षम बनाने के लिए उस रिक्त पद को भरने तक लंबित रखते हुए किसी अन्य लोकपाल को अतिरिक्त प्रभार सौंपने का भी प्रावधान किया गया है।
लोकपाल चयन प्रक्रिया की स्वतंत्रता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए कई संशोधन किए गए हैं। एक लोकपाल के रूप में सेवा करते हुए नियुक्त व्यक्तियों की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों का भी सृजन किया गया है।
इसके साथ ही चयन समिति में अब बीमा क्षेत्र में उपभोक्ता अधिकारों को बढ़ावा देने या उपभोक्ता संरक्षण के मामलों को आगे बढ़ाने में ट्रैक रिकॉर्ड वाले व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा। लोकपाल तंत्र को बीमा कंपनियों की कार्यकारी परिषद द्वारा प्रबंधित किया गया था, जिसका नाम बदलकर बीमा लोकपाल परिषद कर दिया गया है।