नई दिल्ली (हि.स.)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मत्स्य पालन क्षेत्र के सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा के तहत एक केंद्रीय क्षेत्र उप-योजना “प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना” को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उक्त आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2026-27 तक अगले 4 वर्षों में 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जायेगा। इसमें 40 लाख छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को कार्य आधारित पहचान प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जाएगा। 6.4 लाख सूक्ष्म उद्यमों और 5,500 मत्स्य पालन सहकारी समितियों को सहायता, संस्थागत ऋण तक पहुंच प्रदान की जाएगी।
सरकार का कहना है कि मत्स्य पालन में पारंपरिक सब्सिडी से प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन की ओर धीरे-धीरे बदलाव किया जाएगा। बीमा कवरेज के माध्यम से बीमारी के कारण जलीय कृषि फसल के नुकसान के मुद्दों का समाधान होगा। मूल्यवर्धन, मूल्य प्राप्ति और मूल्य सृजन के माध्यम से निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलेगा। घरेलू बाजार में मछली और मत्स्य उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा। इससे 75,000 महिलाओं को रोजगार देने पर विशेष जोर के साथ 1.7 लाख नई नौकरियां पैदा होने का अनुमान है।