नई दिल्ली (हि.स.)। केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल-सितंबर के दौरान बाजार से 7.5 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। इसका मकसद आर्थिक वृद्धि को गति देने के साथ राजस्व अंतर को पाटना है।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बाजार से 14.13 लाख करोड़ रुपये उधारी के रूप में जुटाएगी। इसमें 7.5 लाख करोड़ रुपये यानी 53.08 फीसदी की राशि अगामी वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में जुटायी जाएगी। इसमें सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के माध्यम से 12 हजार करोड़ रुपये भी शामिल हैं। यह चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सकल उधारी अनुमान 15.43 लाख करोड़ रुपये से कम है, जो अब तक की सर्वाधिक राशि थी।
मंत्रालय के मुताबिक भारत सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के परामर्श से आगामी वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही के लिए अपने उधार कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश अंतरिम बजट में राजस्व अंतर को पूरा करने के लिए प्रतिभूतियों के जरिये 14.13 लाख करोड़ रुपये जुटाने का प्रस्ताव किया है।