केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने तकनीकी नियमों की अधिसूचना की उचित प्रक्रिया पूरी करने के बाद पहले चरण में 19 भू-वस्त्र उत्पाद और 12 सुरक्षात्मक वस्त्र उत्पाद वाली 31 वस्तुओं के लिए 2 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) प्रारंभ करने की घोषणा की। ये गुणवत्ता नियंत्रण आदेश तकनीकी वस्त्र उद्योग के लिए भारत की तरफ से जारी किया गया पहला तकनीकी नियमन है, इस संबंध में वस्त्र मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजीव सक्सेना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी। वस्त्र मंत्रालय ने तकनीकी वस्त्र उत्पादों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश शुरू करके बीआईएस के अनिवार्य प्रमाणन पर जोर दिया है।
केंद्र सरकार का ऐसा मानना है कि पर्यावरण, मानव स्वास्थ्य और पशु एवं पौधों के जीवन तथा स्वास्थ्य की सुरक्षा दृष्टि से भू-वस्त्र उत्पाद और सुरक्षात्मक वस्त्र उत्पाद के मानक व गुणवत्ता को आधुनिक समय के अनुसार नियमित करना जनहित के लिए बेहद आवश्यक है। भू-वस्त्र उत्पाद का उपयोग बुनियादी ढांचा परियोजनाओं एवं पर्यावरणीय अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है जबकि सुरक्षात्मक वस्त्रों का इस्तेमाल मानव जीवन को खतरनाक तथा प्रतिकूल कार्य स्थितियों से सुरक्षित रखने के लिए होता है। जारी किये गए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश उपयोगकर्ताओं एवं लक्षित उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम सुरक्षा अधिमान उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। इस कदम से भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ावा मिलेगा, जो वैश्विक मानकों के समतुल्य होगी।
इन 31 उत्पादों में से 19 वस्त्र उत्पाद जियो टेक्सटाइल्स श्रेणी से संबंधित हैं, जिनमें वाटरप्रूफ लाइनिंग के लिए लैमिनेटेड हाई डेंसिटी पॉलीएथिलीन (एचडीपीई) बुनी हुई जियोमेम्ब्रेन, पीवीसी जियोमेम्ब्रेन, नीडल पंच्ड नॉन-वोवन जियोबैग, पॉलीप्रोपाइलीन मल्टीफिलामेंट वोवन जियोबैग, जूट जियो टेक्सटाइल,पत्थर या ईंट से बनी फर्श संरचनाओं के सब-ग्रेड विभाजन में इस्तेमाल की जाने वाली ओपन वीव कॉयर भूवस्त्र जियो टेक्सटाइल्स, उपसतह जल निकासी के कार्य में प्रयुक्त जियो टेक्सटाइल, पत्थर या ईंट से बनी फर्श संरचनाओं के सब-ग्रेड को संतुलित करने में उपयोग किए जाने वाले जियो टेक्सटाइल, लाइनिंग के लिए उच्च घनत्व वाली पॉलीथीन (एचडीपीई) जियोमेम्ब्रेंस, सुरक्षा की दृष्टि से (या कुशनिंग) किसी सामग्री के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले जियो टेक्सटाइल, हार्ड आर्मर सिस्टम्स में स्थायी कटाव नियंत्रण के उद्देश्य से जियोटेक्सटाइल, लचीले रास्ते के फर्श के लिए जियोग्रिड्स, मिट्टी के सुदृढीकरण के रूप में उपयोग की जाने वाली संरचनाओं को बनाए रखने के लिए पॉलीमेरिक स्ट्रिप/जियोस्ट्रिप, रीइंफोर्स्ड मिट्टी को बनाए रखने वाली संरचनाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले जियोग्रिड्स, अपशिष्टों और केमिकल रेजिस्टेंस लाइनिंग और जियोसेल्स के लिए रीइंफोर्स्ड एचडीपीई झिल्ली शामिल हैं।
शेष 12 आइटम सुरक्षात्मक वस्त्र हैं, जिनमें पर्दे और ड्रैप्स, गैर-घरेलू फर्नीचर के लिए उपयोग किए जाने वाले गद्देदार कंपोजिट, अग्निशामकों के लिए सुरक्षात्मक कपड़े, अग्निशामकों के लिए सुरक्षात्मक दस्ताने, गर्मी के संपर्क में आने वाले औद्योगिक श्रमिकों के बचाव के लिए सुरक्षात्मक कपड़े, अग्नि के दायरे को सीमित करने वाली सामग्री से बने कपड़े तथा गर्मी एवं आग से सुरक्षा प्रदान करने वाली वस्तु तथा फिटिंग, उच्च दृश्यता वाले चेतावनी वस्त्र, वेल्डिंग और इससे संबद्ध प्रक्रियाओं में उपयोग के लिए आवश्यक सुरक्षात्मक कपड़े, सामरिक 3 पॉइंट स्लिंग, गोला-बारूद और हथगोले के लिए विघटनकारी पैटर्न नायलॉन -66 से बने पाउच, बुलेट प्रतिरोधी जैकेट और वाटर प्रूफ बहुउद्देशीय रेन पोंचो शामिल हैं।
ये दो भू-वस्त्र उत्पाद और सुरक्षात्मक वस्त्र उत्पाद गुणवत्ता नियंत्रण आदेश आधिकारिक राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से 180 दिनों के तुरंत बाद लागू होंगे। इन गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों में निर्दिष्ट अनुरूपता मूल्यांकन आवश्यकताएं घरेलू उत्पादकों के साथ-साथ उन विदेशी निर्माताओं पर भी समान रूप से लागू होती हैं, जो भारत में अपने सामान का निर्यात करना चाहते हैं। वस्त्र मंत्रालय दूसरे चरण में 28 अन्य उत्पादों के लिए 2 और गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी करने की योजना बना रहा है, जिसमें कृषि टेक्सटाइल्स के 22 वस्त्र उत्पाद और चिकित्सीय टेक्सटाइल्स के 6 वस्त्र उत्पाद शामिल हैं। तीसरे चरण में, गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी करने के लिए 30 अधिक तकनीकी वस्त्र उत्पादों पर विचार किया जा सकता है। गुणवत्ता नियंत्रण आदेश तकनीकी वस्त्रों के मानक एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे और प्रतिस्पर्धी मूल्य पर गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण के दौरान भारत में इस उद्योग के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।