गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट आज अक्षय तृतीया के अवसर पर शुभ मुहूर्त में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इसी के साथ उत्तराखंड में इस साल चार धाम यात्रा का शुभारंभ हो गया है। गंगोत्री धाम के कपाट विधिवत पूजा-अर्चना के बीच दोपहर लगभग 12 बजकर 35 मिनट पर खोले गए। इसके साथ ही अगले 5 दिन में हिन्दू तीर्थयात्री यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन करेंगे। वहीं केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को और बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाएंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूजा-अर्चना कर प्रदेश व देशवासियों के मंगल की कामना की। इस अवसर पर काफी संख्या में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए। इससे पूर्व बीते रोज गंगा के मायके मुखबा गांव से चली गंगाजी की डोली आज सुबह गंगोत्री धाम पहुंची।
उत्तराखंड की धामी सरकार चार धाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इसके चलते श्रद्धालुओं के लिए हर एक किलोमीटर पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाई गई है। चार धाम यात्रा मार्ग में 130 डॉक्टरों की तैनाती की गई है। इसमें डॉक्टर ,पैरामेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाएं उपलब्ध होंगी। इस बार यहां पर प्वाइंट आफ केयर टेस्टिंग डिवाइस भी होगा। इस डिवाइस से 28 तरह के रोगों की टेस्टिंग हो सकेगी।
साथ ही यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम किए गए हैं। चार धाम यात्रा मार्गों पर मौजूद अस्पतालों में डॉक्टर, स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की व्यवस्था तो की ही गयी है। इसके अलावा मार्ग पर स्वास्थ्य एटीएम भी लगाए गये हैं। इस बार किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
सरकार ने चार धाम यात्रा के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गयी है। इसमें यात्रियों को सुझाव दिया है कि वह यात्रा के दौरान अपने शरीर को पहाड़ के मौसम के अनुकूल बना लें। यदि कठिनाई आ रही है तो कुछ समय आराम करें और इसके बाद ही यात्रा करें। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि सरकार यात्रा में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करती है। लेकिन साथ ही यह अपील भी है कि 55 साल से अधिक आयु वर्ग के श्रद्धालु यदि किसी बीमारी मसलन शुगर, बीपी, हृदयरोग आदि से ग्रसित हैं तो उसका उल्लेख कर दें। ऐसे श्रद्धालुओं की निगरानी की जाएगी।
इस बीच उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा के दौरान दर्शनार्थियों की संख्या को प्रत्येक धाम में प्रतिदिन सीमित रखने के निर्णय को वापस ले लिया गया है। यात्रा काल में पंजीकरण की प्रक्रिया भी पूर्ववत जारी रहेगी। यह व्यवस्था यात्रियों की यात्रा में मददगार साबित होती है। यात्रा के दौरान सुरक्षा और सुविधा का पूर्ण ध्यान रखा जाएगा तथा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय स्तर पर व्यवस्था की जाएगी। उल्लेखनीय है कि इस बार चार धाम यात्रा के लिए 21 अप्रैल तक 16 लाख लोग यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।