जबलपुर सिटी सर्किल के दक्षिण संभाग के अंतर्गत बिलहरी डीसी में कार्यरत ठेका श्रमिक अश्वनी दुबे कटिया घाट में राजस्व वसूली करके लौट रहे थे। उसी समय इनकी टू व्हीलर, दूसरे टू व्हीलर से टकरा गई।
दुर्घटना में गिरने की वजह से ठेका श्रमिक के बाएं हाथ एवं दाहिने पैर में चार फैक्चर हो गए हैं। सहयोगियों के द्वारा निजी हॉस्पिटल में ठेका श्रमिक अश्वनी दुबे को भर्ती कर दिया गया है। एक्स-रे करने के बाद डॉक्टर के द्वारा बताया गया कि उपचार में लगभग 80,000 रुपये का खर्च आएगा।
जबलपुर मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री हरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि 24 नवंबर को एक दुर्घटना में विद्युत ठेका श्रमिक घायल हो गया है।
उन्होंने कहा कि ठेका श्रमिक प्राइवेट कंपनी में कार्य करता है। जहां ईएसआईसी के नाम पर बीमा करते हैं, प्रत्येक ठेका श्रमिक का लगभग 280 रुपये प्रति माह काटते हैं। किसी प्रकार से दुर्घटना होने पर ठेका श्रमिक स्वयं पूरा इलाज कराता है। फिर पूरे बिल ईएसआईसी के पास जमा करने पर पैसे दिए जाते हैं, उसमें कई महीने लगते हैं।
दुर्घटना होने पर ठेका श्रमिक के लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं। उसे हर माह लगभग 7 से 8 हजार रुपये प्रति माह पेमेंट मिलती है। उनका कहना है कि ऐसे जांबाज ठेका श्रमिक को उपचार के लिए तत्काल सहायता राशि संबंधित अधिकारियों दी जानी चाहिए। भले ही ठेका श्रमिक को बीमा की राशि मिलने पर अधिकारी को दे दी जाए।
संघ के रमेश रजक, जेके कोष्टा, एसके मौर्य, केएन लोखंडे, शशि उपाध्याय, राजकुमार सैनी, मोहन दुबे, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, अजय कश्यप, टी डेबिड, अमीन अंसारी, संतोष पटेल, गोपाल यादव आदि ने संबंधित अधिकारी से ठेका श्रमिक का इलाज कराए जाने की मांग की है।