देश में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा कोरोना की दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है। दोनों वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद कई लोग सवाल खड़े कर रहे हैं।
इस बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने न्यूज चैनल न्यूज18 से बातचीत के दौरान कहा कि मौजूदा समय में रेग्युलेटर्स ने वैश्विक तौर पर बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है, क्योंकि इनमें सेफ्टी डेटा का सवाल है। बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के टीकेकरण के लिए अभी सेफ्टी डेटा का इंतजार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्लानिंग के तहत सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन यानी कोविशिल्ड को सिर्फ पहले फेज के वैक्सीनेशन के लिए इस्तेमाल किया जाना है। वहीं भारत बायोटेक की कोवैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल मोड के लिए है।
डॉ गुलेरिया ने कहा कि भारत बायोटेक की वैक्सीन को सेकेंडरी वैक्सीन के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, बल्कि कोविशिल्ड की डोज कम पडऩे की स्थिति में कोवैक्सीन का इस्तेमाल किया जाना है। दोनों वैक्सीन बराबर तौर पर अच्छी और कारगर हैं।
उन्होंने कहा कि अभी ड्राई रन चल रहा है। एक बार चीजें साफ हो जाएं तो वैक्सीनेशन का प्रोसेस शुरू होगा। मुझे लगता है कि अगले 10 से 14 दिन के अंदर हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी जाएगी। मुझे भी जल्द वैक्सीन की डोज मिलेगी, इसकी उम्मीद करता हूं।