केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने गुरूवार को ऑल्ट बालाजी, हॉटस्टार, एमेजॉन प्राइम, नेटफ्लिक्स, जियो, जी5, वायाकॉम 18, शेमारू, एमएक्स प्लेयर आदि सहित विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।
इस उद्योग के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने जिक्र किया कि सरकार ने अतीत में ओटीटी कंपनियों के साथ कई दौर की बातचीत की है और स्व-नियमन की जरूरत पर बल दिया है।
उन्होंने कहा कि उन्हें सिनेमा और टीवी उद्योग के प्रतिनिधियों ने कहा है कि जहां उनके लिए नियमन मौजूद हैं, वहीं ओटीटी उद्योग के लिए कोई नियमन नहीं है। इस प्रकार यह निर्णय लिया गया कि सरकार ओटीटी कंपनियों के लिए प्रगतिशील संस्थागत तंत्र लेकर आएगी और स्व-नियमन के विचार के साथ उनके लिए एक बराबरी की जमीन विकसित करेगी।
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के प्रतिनिधियों को नियमों के प्रावधानों के बारे में सूचित करते हुए प्रकाश जावडेकर ने कहा कि उन्हें केवल जानकारी का खुलासा करने की आवश्यकता है, उन्हें मंत्रालय के साथ किसी भी प्रकार का पंजीकरण करने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए एक फॉर्म जल्द ही तैयार हो जाएगा। इसके अलावा ये नियम सेंसरशिप के किसी भी रूप के बजाय विषय वस्तु के आत्म वर्गीकरण पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं। इसके अलावा ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से उम्मीद की जाती है कि वे एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र विकसित करेंगे।
अफवाहों को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस स्व-नियमन निकाय में कोई भी सदस्य सरकार द्वारा नियुक्त नहीं किया जाएगा। इन नियमों के अंतर्गत सरकार की शक्ति पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि जो शिकायतें स्व-नियमन के स्तर पर अनसुलझी रहेंगी, उन्हें देखने के लिए सरकार अंतर विभागीय समिति बनाएगी।