हिन्दू पंचांग के अनुसार यूँ तो प्रत्येक मास में अमावस्या तिथि आती है, लेकिन पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माघ मास में आने वाली मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता हैं।
इस वर्ष मौनी अमावस्या 11 फरवरी को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। इस दिन पवित्र नदियों व तीर्थ स्थलों में स्नान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अमावस्या तिथि 10 फरवरी की रात में 1:10 बजे से प्रारंभ होगी और 11 फरवरी की रात 12.37 बजे तक रहेगी। इस मौनी अमावस्या के दिन 6 ग्रहीय विशेष महोदय योग बन रहा है। इस संयोग में मकर राशि में शनिदेव का स्वगृही गोचर के साथ शुक्र, बुध, चंद्र सहित देवगुरु नीचस्थ रहेंगे। ये विशेष संयोग इस दिन के महात्म्य में अधिक वृद्धि करेगा।
इस वर्ष मौनी अमावस्या ध्वज और गजकेसरी योग में 11 फरवरी गुरुवार को पड़ रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शुभ दिन में पड़ने वाली अमावस्या शुभ फल देने वाली होती है। 11 फरवरी गुरुवार को माघ महीने की अमावस्या का शुभ संयोग 7 साल बाद बन रहा है।
अब ऐसा शुभ संयोग 10 साल बाद 23 जनवरी 2031 को बनेगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या के शुभ योग में जो व्यक्ति मौन रहकर व्रत, दान आदि कार्य करता है, उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है।