रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय लाइट टैंक ज़ोरावर के सफल प्रारंभिक ऑटोमोटिव परीक्षण किए। यह ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती में सक्षम अत्यधिक बहुउपयोगी प्लेटफ़ॉर्म है। रेगिस्तानी इलाकों में किए गए फील्ड परीक्षणों के दौरान, लाइट टैंक ने असाधारण प्रदर्शन करते हुए सभी इच्छित उद्देश्यों को कुशलतापूर्वक पूरा किया। प्रारंभिक चरण में टैंक के फायरिंग प्रदर्शन का कड़ाई से मूल्यांकन किया गया और इसने निर्दिष्ट लक्ष्यों पर आवश्यक सटीकता हासिल की।
ज़ोरावर को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की इकाई, लड़ाकू वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के सहयोग से सफलतापूर्वक विकसित किया गया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों सहित अनेक भारतीय उद्योगों ने विभिन्न उप-प्रणालियों के विकास में योगदान देते हुए देश के भीतर स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षमताओं के सामर्थ्य को प्रदर्शित किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय लाइट टैंक के सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, भारतीय सेना और सभी संबद्ध उद्योग भागीदारों की सराहना की। उन्होंने इस उपलब्धि को महत्वपूर्ण रक्षा प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों में भारत के आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार दिया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने भी इस परियोजना में शामिल पूरी टीम को बधाई दी है।