Tuesday, November 5, 2024
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बिजली कंपनियों में गृह जिला स्थानांतरण नीति तत्काल लागू किए जाने के सवाल पर ऊर्जा विभाग ने दिया ये जवाब

बिजली कंपनियों में गृह जिला स्थानांतरण नीति तत्काल लागू किए जाने के लिए प्रस्तुत की गई एक आरटीआई की जवाब में मध्य प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने कहा है कि ऊर्जा विभाग ने 15 जनवरी 2024 को सभी बिजली कंपनियों के प्रबंधन को पत्र लिखकर ऊर्जा विभाग अंतर्गत विद्युत कंपनियों में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सभी नियमित एवं संविदा कार्मिकों को उनके आवेदन पर गृह जिला स्थानांतरण की नवीन पॉलिसी बनाने हेतु प्रबंधन से सुझाव एवं अभिमत मांगा गया था।

जिस पर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन ने अपने सुझाव या अभिमत में नियमित कार्मिकों के संबंध में कहा है कि नियमित कार्मिकों के संबंध में समान पद पर समान संख्या के सिद्धांत पर कार्मिकों का एक कंपनी से दूसरी कंपनी में स्थानांतरण किया जाना उचित होगा, जिसके परिणामस्वरूप दोनों कंपनियों में कार्मिकों की संख्या में कमी नहीं आयेगी। पूर्व क्षेत्र कंपनी में स्थानांतरित होने पर कार्मिक समान पद के वरियता सूची में सबसे नीचे क्रम में अंकित जावेगा। किसी भी कंपनी के कार्मिक के विरूद्ध यदि अनुशासनात्मक कार्यवाही या विभागीय जाँच लंबित है, तो कार्मिक स्थानांतरित किये जाने हेतु सहमति अथवा अनुमति नहीं दी जा सकेगी। निलंबित या दीर्घ शास्ति। वित्तीय वसूलियों से दण्डित नियमित कार्मिक के निलंबन प्रकरण पूर्णतः समाप्त होने या दण्ड अवधि की समाप्ति अथवा वित्तीय वसूलियों होने के उपरांत स्थानांतरण पर विचार किया जा सकेगा। नियमित कार्मिकों के सेवानिवृत्ति लाभ यथा पेंशन, ग्रेच्युटी, जीटीआईएस, जीपीएफ भुगतान के संबंध में ऊर्जा विभाग या मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा लिये गये निर्णय से पूर्व क्षेत्र कंपनी सहमत होगी। केवल गृह जिले में पदस्थापना किये जाने के संबंध में लेख है कि कंपनी कार्यालयों की रिक्तियों के आधार पर पदस्थापना किसी भी जिले में की जा सकेगी।

वहीं पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन ने संविदा कार्मिकों के संबंध में कहा है कि संविदा कार्मिकों के संबंध में समान पद पर समान संख्या के सिद्धांत पर कार्मिकों का एक कंपनी से दूसरी कंपनी में स्थानांतरण किया जाना उचित होगा, जिसके परिणामस्वरूप दोनों कंपनियों में कार्मिकों की संख्या में कमी नहीं आयेगी। पूर्व क्षेत्र कंपनी में स्थानांतरित होने पर संविदा कार्मिक का संविदा अनुबंध उपस्थिति दिनांक से एक वर्ष की गणना करते हुए संविदा नीति 2023 अनुसार अनुबंध वृद्धि में कार्यवाही की जा सकेगी। किसी भी कंपनी के कार्मिक के विरूद्ध यदि अनुशासनात्मक कार्यवाही या विभागीय जाँच लंबित है तो कार्मिक स्थानांतरित किये जाने हेतु सहमति अथवा अनुमति नहीं दी जा सकेगी। दीर्घ शास्ति या वित्तीय वसूलियों से दण्डित संविदा कार्मिक के दण्ड अवधि की समाप्ति या वित्तीय वसूलियों होने के उपरांत स्थानांतरण पर विचार किया जा सकेगा। केवल गृह जिले में पदस्थापना किये जाने के संबंध में लेख है कि कंपनी कार्यालयों की रिक्तियों के आधार पर पदस्थापना किसी भी जिले में की जा सकेगी।

पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सभी नियमित एवं संविदा कार्मिकों को उनके आवेदन पर गृह जिला कंपनी में (वन टाइम चैनल बनाते हुए) स्थानान्तरण की नवीन पॉलिसी बनाने के संबंध में पश्चिम क्षेत्र कंपनी से सुझाव/अभिमत चाहा गया था, जिसके संबंध में कंपनी ने अपने सुझाव एवं अभिमत में कहा है कि कंपनी में म.प्र. विद्युत मंडल से आमेलित तथा कंपनी द्वारा नियुक्त कार्मिक (तृत्तीय एवं चतुर्थ श्रेणी) कार्यरत है। कंपनी में आमेलित विद्युत मंडल के कार्मिकों को वर्ष 2012 में कंपनी अंतरण हेतु विकल्प दिया गया था, कंपनी में नियुक्त कार्मिकों की कंपनी द्वारा नियुक्ति की गई है तथा कंपनी एवं कार्मिकों के मध्य सेवा सह अनुबंध निष्पादित किया गया है। विभिन्न कंपनियों द्वारा अपने-अपने स्तर पर कार्मिकों की भर्ती की गई एवं भर्ती किये गये कार्मिकों के साथ सेवा अनुबंध निष्पादित किया गया है। प्रत्येक कंपनी के पदो एवं सेवा शर्तों में भिन्नता है। उपरोक्त प्रस्ताव में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के संबंध में कोई उल्लेख नही है, वे भी विभिन्न कंपनी के कार्मिक है। तथापि उर्जा विभाग, म.प्र. शासन द्वारा विभिन्न कंपनियों में लागू की गई एक समान प्रतिनियुक्ति नीति- 2017 लागू की गई है। इसी प्रकार सभी कंपनियों में सभी पदनाम समान तथा सेवा शर्तें समान किये जाने तथा किसी नोडल एजेंसी द्वारा विभिन्न पहलूओं पर विचार कर समस्त श्रेणियों हेतु समावेशी नीति बनाये जाने तथा जितने कार्मिकों द्वारा स्थानान्तरण हेतु विकल्प प्रस्तुत किये है, उतनी संख्या में ही अन्य कंपनियों से कार्मिक प्रतिस्थापित किये जाते है अथवा आपसी सहमति से कार्मिकों के स्थानान्तरण किये जाते है, तो उपरोक्त प्रस्ताव पश्चिम क्षेत्र कंपनी में भी क्रियान्वित किया जा सकता है।

इस संबंध में मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी ने कहा है कि स्थानांतरण नीति वर्ष 2011 जारी की गई है, अतः उक्तानुसार स्थानांतरण के समस्त प्रकरणों में कार्यवाही संपादित की जाती है। ऊर्जा विभाग के पत्र के तारतम्य में लेख है कि मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृह- खण्डवा, सारनी, चचाई, बिरसिंहपुर एवं जल विद्युत गृह तोतलाडोह, गांधीसागर, बरगीनगर, सिरमौर, सिलपरा, देवलोंद, झिन्ना, शिवपुरी, चंदेरी में स्थित हैं। मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी में वर्तमान में काई भी संविदा कार्मिक कार्यरत नहीं है, नियमित कार्मिकों द्वारा अपना स्थानांतरण स्वयं के निवेदन पर किए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जाता है तो उक्त स्थिति में कंपनी की आवश्यकतानुसार सामान्यतः आवेदक का गृह जिला यदि विद्युत गृह के समीप होता है तो स्थानांतरण प्रकरण पर विचार किया जाता है। उपरोक्त तथ्यों के दृष्टिगत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी नियमित एवं संविदा कार्मिकों को उनके आवेदन पर गृह जिला कंपनी में (वन टाईम चैनल बनाते हुए) स्थानांतरण की नवीन पॉलिसी बनाये जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।

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