इस सप्ताह 26 अक्टूबर के विजयदशमी या दशहरा का त्यौहार है। यह त्यौहार बरसात की समाप्ति तथा शरद ऋतु के आरंभ का सूचक है। क्षत्रियों का यह बहुत बड़ा पर्व है।
इस दिन शस्त्र पूजन भी किया जाता है। दुर्गा विसर्जन, अपराजिता पूजन, विजय प्रयाण, शमी पूजन तथा नवरात्र पारण इस पर्व के महान कर्म है। मान्यता है कि इस दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन बहुत शुभ होता है। इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था।
27 अक्टूबर को पापांकुशी एकादशी का व्रत है। यह एकादशी पापों का नाश करने वाली कही गई है। 28 को प्रदोष व्रत है और 30 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का व्रत है। शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन गाय के दूध से बनी खीर का विशेष महत्व है। खीर से भरी थाली को रात भर खुली चांदनी में रहने देते हैं। दूसरे दिन उसका प्रसाद सबको देते हैं तथा स्वयं खाते हैं।
इस सप्ताह 26 तारीख को गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती है। 26 अक्टूबर को ही साईं बाबा की पूण्य तिथि है। 30 अक्टूबर को असाटी दिवस है। 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती है और श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि है। 1 नवंबर को मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ का स्थापना दिवस है।
29 अक्टूबर को 12:45 बजे दिन से 30 तारीख की रात के अंत तक सर्वार्थ सिद्धि योग है। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलती है।
26 अक्टूबर को 11:28 बजे रात से 27 अक्टूबर को 11:52 बजे दिन तक तथा 30 अक्टूबर को 4:51 बजे शाम से 5.55 बजे रात अंत तक भद्रा काल है। भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
ज्योतिषाचार्य पं अनिल पांडेय
सागर, मध्यप्रदेश