केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की दर में संशोधन करते हुये नये नया आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि कर्मचारियों को 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 को दिये जाने वाले महंगाई भत्ते की किश्तों को रोक दिया गया था।
इसके बाद केंद्र सरकार ने निर्णय लेते हुए अपने कर्मचारियों को देय महंगाई भत्ता 1 जुलाई 2021 से मूल वेतन के मौजूदा 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया है। लेकिन 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि के लिए महंगाई भत्ते की दर 17 प्रतिशत पर बनी रहेगी। इसका अर्थ है कि केंद्रीय कर्मचारियों को एरियर्स नहीं मिलेगा।
आदेश के अनुसार संशोधित वेतन संरचना में शब्द मूल वेतन का अर्थ है सरकार द्वारा स्वीकृत 7वें सीपीसी की सिफारिशों के अनुसार वेतन मैट्रिक्स में निर्धारित स्तर पर आहरित वेतन, लेकिन इसमें किसी अन्य प्रकार का वेतन जैसे विशेष वेतन आदि शामिल नहीं है।
मृत्यु भत्ता पारिश्रमिक का एक विशिष्ट तत्व बना रहेगा और इसे एफआर 9(21) के दायरे में वेतन के रूप में नहीं माना जाएगा। 50 पैसे और उससे अधिक के अंशों वाले महंगाई भत्ते के भुगतान को अगले उच्चतर रुपये में पूर्णांकित किया जा सकता है और 50 पैसे से कम के अंशों को अनदेखा किया जा सकता है।
ये आदेश रक्षा सेवाओं के अनुमानों से भुगतान किए गए नागरिक कर्मचारियों पर भी लागू होंगे और व्यय रक्षा सेवाओं के अनुमानों के संबंधित शीर्ष के लिए प्रभार्य होगा। सशस्त्र बलों के कर्मियों और रेलवे कर्मचारियों के संबंध में क्रमश: रक्षा मंत्रालय और रेल मंत्रालय द्वारा अलग-अलग आदेश जारी किए जाएंगे।