नई दिल्ली (हि.स.)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का ज्यादातर हिस्सा आज दिन में लू की चपेट में रहेगा। ऐसा भारत मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान है। तेज और चिलचिलाती धूप के कारण खुले में काम करने और सफर करने वालों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा। रात को धूल भरी आंधी के साथ हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भीषण गर्मी और मानसून की तैयारियों पर अधिकारियों से कल कल चर्चा कर चुके हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मंगलवार को भी दिन में लू और रात में आंधी और हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है। इससे तापमान में हल्की गिरावट आएगी और बुधवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। सात जून को भी दिल्ली में आंधी के साथ हल्की वर्षा हो सकती है। इस दौरान हवा की रफ्तार 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है।
चिलचिलाती धूप के बीच रविवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक 42.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक 30.4 डिग्री सेल्सियस रहा। नरेला और स्पोर्ट्स कांप्लेक्स रविवार को सर्वाधिक गर्म इलाके रहे। नरेला में अधिकतम तापमान 45.1 और स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में 45.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीबीआईबी) की विज्ञप्ति में के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल (रविवार) अपने आवास 7, लोक कल्याण मार्ग में देश में जारी भीषण गर्मी और मानसून के शुरू होने से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री को जानकारी दी गई कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमानों के अनुसार, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी जारी रहने की संभावना है। इस वर्ष, देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून सामान्य और सामान्य से अधिक तथा प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम रहने की संभावना है।
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि आग की घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए नियमित आधार पर उचित अभ्यास किया जाना चाहिए। अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक स्थानों की अग्नि सुरक्षा और विद्युत सुरक्षा की समीक्षा नियमित रूप से की जानी चाहिए। जंगलों में अग्नि-रेखा के रखरखाव और बायोमास के फलदायी उपयोग के लिए नियमित अभ्यास की योजना बनाई जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री को जंगल की आग की समय पर पहचान और उसके प्रबंधन में वन अग्नि पोर्टल की उपयोगिता के बारे में बताया गया। बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव के साथ-साथ पीएमओ और संबंधित मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।