अभ्यास- हाई स्पीड एक्सपैंडेबल एरियल टार्गेट का ओडिशा के तट पर स्थित चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। उड़ान परीक्षण के दौरान निरंतर स्तर तथा उच्च गतिशीलता सहित कम ऊंचाई पर विमान का निष्पादन प्रदर्शित किया गया। टार्गेट विमान को एक पूर्व-निर्धारित निम्न ऊंचाई वाले उड़ान पथ में एक ग्राउंड आधारित कंट्रोलर से उड़ाया गया जिसकी निगरानी राडार तथा इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टारगेटिंग सिस्टम सहित आईटीआर द्वारा तैनात विभिन्न ट्रैकिंग सेंसरों द्वारा की गई।
अभ्यास की डिजाइन एवं उसका विकास रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान द्वारा किया गया है। इस हवाई वाहन को ट्विन अंडर-स्लग बूस्टर का उपयोग करने के जरिये लॉन्च किया गया जो व्हीकल को आरंभिक गति प्रदान करते हैं। यह हाई सबसोनिक स्पीड पर एक लंबी इंड्यूरेंस फ्लाइट को बनाये रखने के लिए एक छोटे से गैस टरबाइन द्वारा संचालित है।
टारगेट विमान बहुत ऊंची उड़ान के लिए स्वदेशी रेडियो अल्टीमीटर तथा ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन तथा टारगेट विमान के बीच इनक्रिप्टेड कम्युनिकेशन के लिए डाटा लिंक के साथ-साथ गाइडेंस और कंट्रोल के लिए फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर के साथ नैविगेशन के लिए माइक्रो-इलेक्ट्रोमैकेनिकल सिस्टम आधारित इनर्शियल नैविगेशन स्स्टिम के साथ सुसज्जित है। इस व्हीकल को पूरी तरह स्वचालित उड़ान के लिए प्रोग्राम किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अभ्यास के सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ, सशस्त्र बलों तथा उद्योग को बधाई दी है और कहा कि इस सिस्टम का विकास सशस्त्र बलों के लिए एरियल टार्गेट की आवश्यकता को पूरा करेगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने सिस्टम के डिजाइन, विकास और परीक्षण से जुड़ी टीमों के प्रयासों की सराहना की।