रायपुर (हि.स.)। कांग्रेस की मीडिया नेशनल कार्डिनेटर राधिका खेड़ा ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेता के साथ विवाद के बाद राधिका खेड़ा ने अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा है। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जाने का पार्टी के कुछ लोग विरोध कर रहे थे।
दरअसल, आईआईटी अहमदाबाद से ताल्लुक रखने वाली राधिका खेड़ा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। साथ ही उनके पास छत्तीसगढ़ में मीडिया कॉर्डिनेटर का जिम्मा भी था। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं। साथ ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूं।
उन्होंने कहा कि हां, मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं और मैं अब वही कर रहीं हूं। राधिका ने कहा कि अपने और देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूंगी। राधिका खेड़ा ने अपने इस्तीफे में लिखा कि हर हिंदू के लिए प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या बहुत मायने रखती है। रामलला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है, वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
राधिका ने लिखा कि मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए, जहां एनएसयूआई से लेकर एआईसीसी के मीडिया विभाग में पूरी इमानदारी से काम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है, क्योंकि मैं अयोध्या में रामलला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई। उन्होंने लिखा कि मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इनकार कर दिया गया। मैंने हमेशा दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, लेकिन जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने खुद को हारा हुआ पाया।
उल्लेखनीय है कि 30 अप्रैल को एक ट्विट कर राधिका खेड़ा ने दावा किया था कि वह “पुरुषवादी मानसिकता” से पीड़ित लोगों को बेनकाब करेंगी। रायपुर के राजीव भवन परिसर से राधिका खेड़ा का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें रोते हुए खेड़ा अपने प्रति अनादर को लेकर शिकायतें व्यक्त कर रही थीं।