प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईआईटी गुवाहाटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश का भविष्य आज के युवाओं की सोच पर निर्भर करता है। आपके सपने भारत को हकीकत में बदलने जा रहे हैं।
उन्होंने संस्कृत श्लोक, ज्ञानम् विज्ञान सहितम् यत् ज्ञात्वा मोक्ष्यसे अशुभात् श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि विज्ञान सहित ज्ञान सभी समस्याओं को हल करने का एक प्रमुख साधन है।
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कोरोना संकट के दौरान शैक्षणिक सत्र चलाने और शोध कार्य को जारी रखना काफी कठिन रहा है। इतनी विषम परिस्थितियों के बावजूद संस्थान ने बेहतरीन सफलता पाई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आईआईटी गुवाहीट से आपदा प्रबंधन केंद्र की स्थापना का अनुरोध भी किया। उन्होंने कहा कि केंद्र से इलाके की आपदाओं से निपटने में काफी मदद मिलेगी। संस्थान के अनुभव से आपदा को अवसर में बदलने की शक्ति मिलेगी।
उन्होंने पूर्वोत्तर को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्र बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र दक्षिण पूर्वी एशिया का गेट-वे है। अब तक संस्कृति, व्यावसायिक, कनेक्टिविटी और क्षमता से दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों से जुड़ाव रहा है। अब, शिक्षा भी एक माध्यम बनने जा रहा है पीएम ने पीएचडी पाने वाले छात्रों को भी बधाई दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अहम बताते हुए कहा कि इससे भारत दुनिया में शिक्षा की अंतरराष्ट्रीय मंजिल बनने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारी देश के बेहतरीन संस्थान विदेशों में भी कैंपस की स्थापना की दिशा में कदम आगे बढ़ाएंगे। इसमें आईआईटी गुवाहाटी को मुख्य भूमिका निभानी है।