मध्य प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा है कि दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक से मध्यप्रदेश को जोड़ने के लिए स्कूल स्तर से ही एआई को पाठ्यक्रम में शामिल कर बच्चों को पढ़ाया जायेगा। मंत्री श्री सखलेचा एपीएसी के चौथे इंडिया डिजिटल इम्पॉवरमेंट मीट और पुरस्कार वितरण के मध्यप्रदेश संस्करण का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे। मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रानिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल, पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार सहित एपीसी के पदाधिकारी और 10 राज्यों से आए प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि मध्यप्रदेश ने नित बदलती तकनीक को चुनौती के रूप में लिया है और प्रदेश के युवा देश-विदेश में अपने कौशल तथा ज्ञान से धाक जमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना के सॉफ्टवेयर को रिकॉर्ड एक माह में तैयार कर गाँव-गाँव तक पहुँचाकर अगले एक माह में एक करोड़ 25 लाख बहनों के फार्म ऑनलाइन भरवाने में जो सफलता मिली है, वह प्रदेश को प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना भी एक मिसाल है।
मंत्री श्री सखलेचा ने इस तरह की शंकाओं को निराधार बताया, जिसमें दावा किया गया है कि एआई से रोजगार घटेंगे। उन्होंने कहा कि एआई से रोजगार की भरमार होगी, बस काम का तरीका बदल जाएगा। जो इस तकनीक में पारंगत होंगे उन्हें जॉब की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आज ऑनलाइन डाटा ही व्यवहार में हैं और डिजिटली लेन-देन में सभी तरह की अनियमितता रूकी है।
श्री सखलेचा ने कहा कि तकनीकी के भरपूर उपयोग से विकास की नई इबारत लिखी जा सकती है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र जावद के सभी 40 हाई स्कूल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई प्रारंभ की है। उन्होंने बताया कि उनकी 100 फीसदी आबादी टेली-मेडिसन से जुड़ी है और यही तकनीक का कमाल है। उन्होंने विशेषज्ञों से मध्यप्रदेश की मित्र नीतियों से जुड़ने का आव्हान किया।