देश में जल्द ही आरआरटीएस हाई स्पीड ट्रेन दौड़ती नज़र आएंगी। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने शुक्रवार को आरआरटीएस ट्रेन के पहले लुक का अनावरण किया।
उन्होंने बताया कि आरआरटीएस ट्रेन में बिजनेस कोच के साथ साथ महिलाओं के लिए भी अलग कोच होगा। ट्रेन कोच के दरवाजे स्टेशन पर जरूरत के हिसाब से खुलेंगे। इससे ऊर्जा की बचत होगी।
यह पहली आधुनिक प्रणाली वाली ट्रेन है। स्टेनलेस स्टील से बनी एयरोडायनामिक ट्रेनें हल्के होने के साथ-साथ पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी। प्रत्येक कोच में प्रवेश और निकास के लिए ‘प्लग-इन’ प्रकार के छह स्वचालित दरवाजे होंगे।
रैपिड रेल के बिजनेस क्लास कोच में ऐसे चार दरवाजे होंगे। प्रत्येक ट्रेन में एक बिजनेस कोच और एक महिला कोच रहेगा। इसमे टू बाई टू के आधार पर सीट रहेंगी। बिजनेस क्लास में रिक्लाइन सीटें होंगी।
केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने कहा की इंफ्रास्ट्रक्चर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों में से एक है आरआरटीएस ट्रेन पूरी तरह से भारत सरकार की मेक इन इंडिया नीति के तहत बन रही हैं।
ये ट्रेनें पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल होने के साथ साथ एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास में तेजी लाएंगी। इससे दुर्घटना घटेंगी और प्रदूषण भी कम होगा।
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने कहा आरआरटीएस ट्रेन सेट को न्यू इंडिया की आकांक्षाओं को पूरा करने के विजन के साथ डिजाइन किया गया है। इसमें ट्रेन रोकने के दौरान लगभग 30 प्रतिशत ऊर्जा का पुनर्जनन होगी। इससे ट्रेन में ऊर्जा की बचत होगी।
आरआरटीएस ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप 2022 तक बन जाएगा। 6 कोच के 30 ट्रेन सेट और मेरठ में स्थानीय परिवहन सेवाओं के लिए 3 कोच के 10 ट्रेन सेट खरीदेगा। ये ट्रेन 180 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी और दिल्ली से मेरठ के सफर 55 मिनिट में पूरा कर लेगी।
Equipped with modern amenities, the RRTS rolling stock will be unique amalgamation of new-age technology and India’s rich heritage. Prototype is scheduled to roll off production line in 2022. pic.twitter.com/Zfe0OF2P5E
— Durga Shanker Mishra (@Secretary_MoHUA) September 25, 2020