वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारतीय रेल ने माल ढुलाई, विद्युतीकरण, नई लाइन, दोहरीकरण, गेज परिवर्तन, लोको उत्पादन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी के एकीकरण सहित विभिन्न श्रेणियों में ऐतिहासिक उपलब्धियां प्राप्त कीं।
वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय रेल की उपलब्धियों की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. भारतीय रेल ने 2021-22 के दौरान 1418.10 एमटी माल ढुलाई की है, जो 2020-21 में 1233.24 एमटी (+184.99 एमटी) की माल ढुलाई की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। यह किसी वित्त वर्ष में भारतीय रेल के लिए अब तक की सबसे अधिक माल ढुलाई है और भारतीय रेल ने सितंबर ’20 से मार्च ’22 तक लगातार संबंधित 19 महीनों में अब तक की सबसे अधिक मासिक माल ढुलाई हासिल की है।
2. 2021-22 के दौरान भारतीय रेल के इतिहास में 6,366 रूट किलोमीटर का रिकॉर्ड विद्युतीकरण हासिल किया गया है। 2020-21 के दौरान पिछला उच्चतम विद्युतीकरण 6,015 रूट किलोमीटर था। 31.03.2022 तक, भारतीय रेल (केआरसीएल सहित) के बीजी नेटवर्क के 65,141 रूट किलोमीटर में से 52,247 बीजी रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया है, जो कुल बीजी नेटवर्क का 80.20 प्रतिशत है।
3. नई लाइन/दोहरीकरण/गेज परिवर्तन में 2400 किलोमीटर के लक्ष्य के मुकाबले 2904 किलोमीटर और 2020-21 के 2361 किलोमीटर के लक्ष्य को हासिल किया गया था। यह पिछले साल के मुकाबले 23 प्रतिशत ज्यादा है। यह अब तक की सबसे अधिक कमीशनिंग (डीएफसी को छोड़कर) भी है।
4. वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक का सबसे अधिक इलेक्ट्रिक लोको उत्पादन और 1,110 लोको (965 रेलवे पुस + 35 बीएचईएल + 110 मधेपुरा) का इंडक्शन हासिल किया गया।
5. वित्त वर्ष के दौरान 5316.1 करोड़ रुपए मूल्य के स्क्रैप की बिक्री की गई, जो अब तक का सर्वाधिक है। यह 2020-21 में 4571.4 करोड़ रुपये के स्क्रैप की बिक्री की तुलना में 16.2 प्रतिशत अधिक है, जबकि 4100 करोड़ रुपए मूल्य के स्क्रैप की बिक्री का लक्ष्य निर्धारित था।6. कुल 444 पैनल/ स्टेशनों की इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का काम किया गया और 850 रूट किलोमीटर में कवच प्रणाली की शुरुआत की गई।