यरुशलम (हि. स.)। इजराइल की नेतन्याहू सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के गाजा में युद्धविराम प्रस्ताव पर सहमति बनाता हुआ दिख रहा हे, इसे दूसरे शब्दों में कहें तो उस पर इसे स्वीकार करने का दबाव दिखाई दे रहा है। बाइडन के प्रस्ताव से एक दिन पहले असहमति जता रही इजराइली सरकार के रविवार को सुर बदले हुए सुनाई दिए।
इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के विदेश नीति मामलों के मुख्य सलाहकार ओफिर फाक ने कहा है कि गाजा को लेकर बाइडन की योजना अच्छी नहीं है लेकिन कुछ बदलावों के साथ इजराइल उसे स्वीकार करेगा।
हमास ने कहा है कि अगर इजराइल बाइडन के प्रस्ताव पर आगे बढ़ता है तो वह भी आगे बढ़कर समझौता करने को तैयार है। बाइडन ने गाजा में स्थायी युद्धविराम के लिए तीन चरण का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव के अनुसार हमास बंधक बनाए 100 इजराइली नागरिकों और 30 बंधकों के शव इजराइल को देगा, बदले में इजराइल फलस्तीनी कैदियों को अपनी जेल से रिहा करेगा।
यह प्रक्रिया शांत माहौल में पूरी की जाएगी। बाइडन ने इजराइल और हमास से अपील की है कि वे लचीला रुख दिखाकर युद्ध को खत्म कर गाजा में शांति कायम करें। दोनों पक्षों के बीच महीनों से मध्यस्थता कर रहे मिस्त्र और कतर ने बाइडन की योजना का समर्थन किया है। दोनों देशों की सरकारों ने इजराइल और हमास से इसे स्वीकार करने का अनुरोध किया है।
बंधकों की रिहाई के बदले स्थायी युद्धविराम की बाइडन की योजना पर इजराइली सरकार के ठंडे रुख को भांपते हुए रविवार को तेल अवीव की सड़कों पर 1,20,000 प्रदर्शनकारी उमड़ पड़े। ये प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को हटाकर बंधकों की रिहाई के लिए हमास से समझौता किए जाने की मांग कर रहे थे। साथ ही देश में नया चुनाव करवाकर सरकार बनाए जाने की मांग कर रहे थे।
नेतन्याहू सरकार की मुश्किल यह है कि समर्थन दे रहे दक्षिणपंथी दलों ने गाजा में स्थायी युद्धविराम करने पर सरकार से अलग होने की धमकी दी है। लेकिन याएर लैपिड के नेतृत्व वाले मुख्य विपक्षी दल ने बंधकों की रिहाई के मुद्दे पर सरकार के समर्थन का एलान किया है। इसके चलते ही रविवार को नेतन्याहू सरकार के सुर बदले हैं।