भारतीय नौसेना 4 दिसंबर 2023 को भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर प्रतिष्ठित सिंधुदुर्ग किले में जहाजों और विमानों द्वारा नौसेना संचालन के एक स्पेक्ट्रम को कवर करते हुए ‘ऑपरेशनल प्रदर्शन’ के माध्यम से अपनी परिचालन कौशल और क्षमताओं का प्रदर्शन करेगी। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार द्वारा आयोजित कार्यक्रम को केंद्र तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, सैन्य गणमान्य व्यक्ति और स्थानीय लोग तारकर्ली समुद्र तट से देखेंगे। इस आयोजन का उद्देश्य हमारे समृद्ध समुद्री इतिहास का उत्सव मनाना तथा उसका महिमामंडन करना और औपनिवेशिक प्रथाओं को त्यागना है।
मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा वर्ष 1660 में निर्मित सिंधुदुर्ग किला भारत के समृद्ध समुद्री इतिहास को गौरवान्वित करता है और नौसेना की अपनी अग्रणी संपत्तियों के साथ परिचालन प्रदर्शन करने की आवश्यकता को भी पूरा करता है।
भारतीय नौसेना 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाती है। यह दिवस 1971 के युद्ध के दौरान कराची बंदरगाह पर नौसेना के दुस्साहसिक हमले “ऑपरेशन ट्राइडेंट” की स्मृति में मनाया जाता है। ओप डेमो का आयोजन कर्मियों की वीरता तथा साहस और विपरीत परिस्थितियों में असंभव को हासिल करने के उनके संकल्प का उत्सव मनाने के लिए किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक जहाजों और विमानों को लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से आम जनता और ऑनलाइन दर्शकों के सामने प्रदर्शित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में प्रमुख आकर्षण के रूप में मिग 29के तथा एलसीए नौसेना के 40 विमानों के साथ 20 युद्धपोतों की भागीदारी होगी, साथ ही भारतीय नौसेना के समुद्री कमांडो द्वारा युद्धक समुद्र तट टोही और हमले का डेमो भी शामिल होगा। अन्य प्रमुख आकर्षणों में नौसेना बैंड का प्रदर्शन, निरंतरता ड्रिल और एससीसी कैडेटों द्वारा हॉर्न पाइप नृत्य शामिल हैं। यह आयोजन सिंधुदुर्ग किले में लेजर शो के बाद लंगरगाह पर जहाजों की रोशनी के साथ समाप्त होगा।
यह पहला मौका है कि भारतीय नौसेना एक मेगा कार्यक्रम का आयोजन करेगी जो किसी भी प्रमुख नौसेना स्टेशन पर नहीं हो रहा है। सिंधुदुर्ग किले का स्थान मुंबई से 550 किमी और गोवा नौसेना स्टेशन से लगभग 135 किमी दूर है। इन आयोजनों को प्रदर्शित करने के लिए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ नौसेना द्वारा हरसंभव प्रयास किए गए हैं।
नौसेना दिवस समारोह का उद्देश्य अधिक पहुंच को बढ़ावा देना, हमारे नागरिकों के बीच समुद्री चेतना को नवीनीकृत करना और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति नौसेना के योगदान को उजागर करना है।