Tuesday, November 26, 2024
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बिजली कंपनियों में गृह जिला ट्रांसफर नीति के लिए जल्द हो सकती है बैठक, MPPKVVCL ने दिए ये सुझाव

ऊर्जा विभाग के नियमित एवं संविदा कर्मचारियों के लिए गृह जिला कंपनी अथवा एक विद्युत कंपनी से दूसरी विद्युत कंपनी में ट्रांसफर की नीति तत्काल लागू करने के संबंध में जल्द ही एमपी की सभी बिजली कंपनियों के एचआर प्रमुखों की एक बैठक आयोजित की जायेगी।

इस संबंध में एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी प्रबंधन ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सभी नियमित एवं संविदा कार्मिकों को उनके आवेदन पर गृह जिला कंपनी में स्थानांतरण की नवीन नीति बनाने के संबंध में पूर्व क्षेत्र कंपनी से सुझाव या अभिमत मांगा था।

पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन के सुझाव या अभिमत निम्नानुसार हैं

नियमित कार्मिकों के संबंध में

1) नियमित कार्मिकों के संबंध में समान पद पर समान संख्या के सिद्धांत पर कार्मिकों का एक कंपनी से दूसरी कंपनी में स्थानांतरण किया जाना उचित होगा, जिसके परिणामस्वरूप दोनों कंपनियों में कार्मिकों की संख्या में कमी नहीं आयेगी।

2) पूर्व क्षेत्र कंपनी में स्थानांतरित होने पर कार्मिक समान पद के वरियता सूची में सबसे नीचे क्रम में अंकित जावेगा।

3) किसी भी कंपनी के कार्मिक के विरूद्ध यदि अनुशासनात्मक कार्यवाही या विभागीय जाँच लंबित है, तो कार्मिक स्थानांतरित किये जाने हेतु सहमति अथवा अनुमति नहीं दी जा सकेगी।

4) निलंबित या दीर्घ शास्ति। वित्तीय वसूलियों से दण्डित नियमित कार्मिक के निलंबन प्रकरण पूर्णतः समाप्त होने या दण्ड अवधि की समाप्ति अथवा वित्तीय वसूलियों होने के उपरांत स्थानांतरण पर विचार किया जा सकेगा।

5) नियमित कार्मिकों के सेवानिवृत्ति लाभ यथा पेंशन, ग्रेच्युटी, जीटीआईएस, जीपीएफ भुगतान के संबंध में ऊर्जा विभाग या मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा लिये गये निर्णय से पूर्व क्षेत्र कंपनी सहमत होगी।

6) केवल गृह जिले में पदस्थापना किये जाने के संबंध में लेख है कि कंपनी कार्यालयों की रिक्तियों के आधार पर पदस्थापना किसी भी जिले में की जा सकेगी।

संविदा कार्मिकों के संबंध में

1) संविदा कार्मिकों के संबंध में समान पद पर समान संख्या के सिद्धांत पर कार्मिकों का एक कंपनी से दूसरी कंपनी में स्थानांतरण किया जाना उचित होगा, जिसके परिणामस्वरूप दोनों कंपनियों में कार्मिकों की संख्या में कमी नहीं आयेगी।

2) पूर्व क्षेत्र कंपनी में स्थानांतरित होने पर संविदा कार्मिक का संविदा अनुबंध उपस्थिति दिनांक से एक वर्ष की गणना करते हुए संविदा नीति 2023 अनुसार अनुबंध वृद्धि में कार्यवाही की जा सकेगी।

3) किसी भी कंपनी के कार्मिक के विरूद्ध यदि अनुशासनात्मक कार्यवाही या विभागीय जाँच लंबित

है तो कार्मिक स्थानांतरित किये जाने हेतु सहमति अथवा अनुमति नहीं दी जा सकेगी।

4) दीर्घ शास्ति या वित्तीय वसूलियों से दण्डित संविदा कार्मिक के दण्ड अवधि की समाप्ति या वित्तीय वसूलियों होने के उपरांत स्थानांतरण पर विचार किया जा सकेगा।

5) केवल गृह जिले में पदस्थापना किये जाने के संबंध में लेख है कि कंपनी कार्यालयों की रिक्तियों के आधार पर पदस्थापना किसी भी जिले में की जा सकेगी।

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