Sunday, December 29, 2024
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विश्व पुस्तक मेला 10 फरवरी से, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे शुभारंभ

नई दिल्ली (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान 10 फरवरी को प्रगति मैदान में नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले का शुभारंभ करेंगे। नौ दिवसीय मेले में एक हजार से अधिक प्रकाशक शामिल होंगे। इस बार की थीम बहुभाषी भारत : एक जीवंत परंपरा है।

नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने गुरुवार को कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा पुस्तक मेला केवल एक आयोजन नहीं है, यह एक उत्सव है, जिसमें पाठकों को पुस्तकों के साथ-साथ भारत की विविध संस्कृति और लोककला की झलक देखने को मिलेगी। इस बार 1000 से अधिक प्रकाशक इसमें शामिल हो रहे हैं। फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवल्स में अहमदाबाद साहित्य महोत्सव, सिनेमा दरबार, भारत साहित्य महोत्सव, प्रगति विचार इन सभी के प्रतिनिधियों को विश्व के सबसे बड़े पुस्तक मेले में आमंत्रित किया गया है। वे विश्व पुस्तक मेले के मंच से साहित्यिक, सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित कर सकते हैं और पुस्तकों का विमोचन भी कर सकते हैं। 40 से ज्यादा देशों के प्रकाशक एवं प्रतिनिधि विश्व पुस्तक मेले में शामिल हो रहे हैं। यह बी2सी स्तर का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है। विश्व की लगभग सभी भाषाओं के प्रतिनिधि यहां पाठकों को मिलेंगे।

विश्व पुस्तक मेले में इस बार बहुत कुछ खास रहेगा। ई-लर्निंग के प्रति उत्साह को देखते हुए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की जाएगी। बच्चों के लिए ई-जादुई पिटारा विश्व पुस्तक मेले में ही देश को समर्पित किया जाएगा। इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट ‘इंडिया द मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ पर विशेष प्रदर्शनी का आयोजन करेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रकाशन जगत के सीईओ स्पीक का आयोजन 11 फरवरी को होगा। 11 से 12 फरवरी नई दिल्ली राइट्स टेबल का आयोजन होगा। इस बार जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और भारत के अलग-अलग हिस्सों से बैंड आ रहे हैं, जो विश्व पुस्तक मेले में साहित्यिक बेला की रौनक बढ़ाएंगे।

प्रगति मैदान के हॉल संख्या 1 से 5 में आयोजित इस पुस्तक मेले में पाठकों को हॉल 1 में विज्ञान, मानविकी और दर्शन की पुस्तकें मिलेंगी। हॉल 2 में भारतीय भाषाओं के लेखक विभिन्न साहित्यिक विषयों, पुस्तकों एवं विधाओं पर बात करेंगे। इसके लिए लेखक मंच बनाया गया है। हॉल 3 बच्चों के लिए है, जिसमें बच्चों से जुड़े हर विषय की पुस्तकें, स्टेशनरी, कला एवं शिल्प आदि सामग्री उपलब्ध होगी। बालमंडप में बच्चों के लिए विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों की व्यवस्था होगी। हॉल 4 में अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां आयोजित होंगी और हॉल 5 थीम मंडप का है। इस बार की थीम बहुभाषी भारत : एक जीवंत परंपरा है, जिसको ध्यान में रखते हुए विश्व पुस्तक मेले में हर आयु वर्ग के लिए हर भाषा की पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी।

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