नई दिल्ली (हि.स.)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कोयला/लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने से जुड़ी योजना को मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बुधवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तीन श्रेणियों में वित्तीय सहायता देने से जुड़ी परियोजना को मंजूरी दी गई, जिन पर 8500 करोड़ रुपये का परिव्यय होगा।
कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के अनुसार पहली श्रेणी में सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों के लिए 4,050 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें 3 परियोजनाओं तक 1,350 करोड़ रुपये या पूंजीगत व्यय का 15 प्रतिशत जो भी कम हो, का एकमुश्त अनुदान प्रदान किया जाएगा।
दूसरी श्रेणी में निजी क्षेत्र के साथ-साथ सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों के लिए 3,850 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें प्रत्येक परियोजना के लिए 1 हजार करोड़ रुपये या पूंजीगत व्यय का 15 प्रतिशत, जो भी कम हो, का एकमुश्त अनुदान प्रदान किया गया है। टैरिफ-आधारित बोली प्रक्रिया पर कम से कम एक परियोजना के लिए बोली लगाई जाएगी और इसके मानदंड नीति आयोग के परामर्श से तैयार किए जाएंगे।
तीसरी श्रेणी में प्रदर्शन परियोजनाओं (स्वदेशी प्रौद्योगिकी), छोटे पैमाने के उत्पाद-आधारित गैसीकरण संयंत्रों के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। न्यूनतम पूंजीगत व्यय 100 करोड़ रुपये और 1500 एनएम3/घंटा सिन गैस का न्यूनतम उत्पादन वाली चयनित इकाई को इसके तहत 100 करोड़ रुपये या पूंजीगत व्यय का 15 प्रतिशत, जो भी कम हो, का एकमुश्त अनुदान दिया जाएगा।
दूसरी और तीसरी श्रेणी के तहत संस्थाओं का चयन प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। चयनित इकाई को अनुदान का भुगतान दो समान किश्तों में किया जाएगा।