जयपुर (हि.स.)। फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट से सैकड़ों लोगों को सरकारी नौकरी लगाने वाली गैंग का नेटवर्क राजस्थान ही नहीं, उसके पडौसी राज्यों में भी फैला हुआ था। यूट्यूब चैनल देखकर पड़ोसी राज्यों के लोग भी इस गैंग के पास आया करते थे। ताकि सरकारी नौकरी के लिए डिग्री ली जा सके। इस मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के टारगेट पर प्राइवेट यूनिवर्सिटी के प्रिंसिपल सहित अन्य टीचर भी शामिल है। गिरोह के सभी छह आरोपितों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इनको सोलह अप्रैल तक रिमांड पर लिया गया था।
इस गिरोह ने अलग-अलग जगहों पर कमीशन पर एजेंट बना रखे थे, जो अभ्यर्थियों के लिए फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट लेने के लिए आते थे। यू-ट्यूब चौनलों के जरिए ये लोग कमजोर अभ्यर्थियों के संपर्क में आते और उनकी जरूरत को देखकर ये लोग फर्जी डिग्री ही नहीं डमी कैंडिडेट की भी व्यवस्था किया करते थे।
एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि गिरोह की ओर से फर्जी डिग्री, फर्जी मेडल और बैक डेट में एडमिशन दिलाने का काम किया जाता है। मामले में आरोपित सुभाष पूनिया (52) पुत्र गुरुदयाल निवासी बेरासर घुमाना थाना राजगढ़ (चूरू), उसके बेटे परमजीत हाल पीटीआई राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल गुर्जा पंचायत समिति बसेड़ी (धौलपुर) और प्रदीप शर्मा निवासी सरदार शहर (चूरू) को गिरफ्तार किया। इसके अलावा सीबीईओ ऑफिस में यूडीसी मनदीप सांगवान, उच्च माध्यमिक स्कूल देशनोक (बीकानेर) में यूडीसी जगदीश और फर्जी डिग्री प्रिंट करने वाले राकेश कुमार निवासी सरदारशहर (चूरू) को भी गिरफ्तार किया गया। एसओजी ने गिरोह के बदमाशों से ओपीजेएस समेत 7 यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां, माइग्रेशन सर्टिफिकेट, प्रोविजनल सर्टिफिकेट, चरित्र प्रमाण पत्र, खेल प्रमाण पत्र, भरी हुई उत्तर पुस्तिकाएं, सैकड़ों स्टूडेंट की मार्कशीट, आधार कार्ड, यूनिवर्सिटी की फर्जी सील, चेक बुक समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपी 50 हजार से 2 लाख तक रुपए में फर्जी डिग्री धड़ल्ले से बेच रहे थे।
चुनावी ड्यूटी के चलते धीमी पड़ी एसओजी की कार्रवाई
एडीजी वीके सिंह ने बताया कि चुनावी ड्यूटी के चलते एसओजी की कार्रवाई थोडी धीमी पड़ी है। मौजूदा समय में सबसे बड़ी परेशानी फोर्स की है। उनके ऑफिसर इस समय चुनाव ड्यूटी पर लगे हुए हैं। इस समय जब एसओजी को सबसे अच्छे ऑफिसर की जरूरत है तो उनको चुनाव ड्यूटी देनी पड़ रही हैं। इसके कारण गिरफ्तारी और कार्रवाई रुकी हुई है। चुनाव के बाद दोबारा से एसओजी एक्शन मोड़ पर दिखाई देने वाली है। एसओजी अभी उन लोगों को ही गिरफ्तार कर रही है, जिनके भागने की संभावना है। फर्जी डिग्री देने वाले लोग बिना यूनिवर्सिटी की मिलीभगत के इतना बड़ा काम नहीं कर सकते हैं। आने वाले दिनों ने प्राइवेट यूनिवर्सिटी पर एसओजी एक्शन करेगी।
फर्जी डिग्री-सर्टिफिकेट से मनदीप ने अपनी पत्नी को लगाया नौकरी
डीआईजी एसओजी परिस देशमुख ने बताया कि खास बात यह है कि मनदीप ने अपनी पत्नी सुमन समेत 200 से ज्यादा लोगों को फर्जी डिग्री, खेल प्रमाण पत्र और मेडल के जरिए पीटीआई सहित अन्य नौकरियां लगवा दी। एसओजी ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया तो फर्जी डिग्री डमी कैंडिडेट खेल प्रमाण पत्र के जरिए पीटीआई की नौकरी हासिल करने वाली मनजीत की पत्नी सुमन और उसके अन्य रिश्तेदार गणपत लाल, विक्रम, नरेंद्र सिंह फरार हो गए। खेल कोटे से होने वाली भर्ती में किसी भी प्रकार की कोई कमी रह जाती थी तो यह शख्स फर्जीवाड़ा कर उन कमियों को दूर करते और उनको सरकारी नौकरी लगने का दावा भी करते थे।