इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों में उच्च- क्षमता प्रदर्शन सामग्री पर निकेल मिश्र धातु के निक्षेपण (डिपोजीशन) की परत चढ़ाने (कोटिंग) की एक नई विधि पर्यावरण की दृष्टि से विषाक्त क्रोम प्लेटिंग/कोटिंग को प्रतिस्थापित कर सकती है। अब प्राप्त कोटिंग्स भी अत्यधिक संक्षारण (कोरोजन) प्रतिरोधी और प्लास्टिक के बर्तन उद्योग के लिए उपयोगी हैं।
इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों में उच्च- क्षमता प्रदर्शन सामग्री की लगातार बढ़ती मांग के साथ अब नैनो- क्रिस्टलाइन कोटिंग्स पर्यावरणीय रूप से खतरनाक क्रोम कोटिंग्स के प्रतिस्थापन की आवश्यकता को पूरा कर सकती है।
डाई-कास्टिंग घटकों की कार्य अवधि को बेहतर बनाने के लिए प्लास्टिक की बोतलें बनाने (बॉटलिंग) के उद्योग में क्रोम कोटिंग्स का उपयोग किया गया है। हालांकि, क्रोम की परत चढ़ाना एक विषाक्त प्रक्रिया है और विषैले हेक्सावेलेंट क्रोमियम और इसके सभी यौगिकों के लिए कड़ी मानक अनुमेय जोखिम सीमा (पर्मिसिबल एक्सपोजर लिमिट-पीईएल) का अनुपालन सभी क्रोम की परत चढ़ाने वाले (कोटिंग) औद्योगिक कार्यस्थलों में किया जाना है। इस सीमा का पालन करने की प्रक्रिया भी वैज्ञानिकों के लिए एक चुनौती है।
भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अधीन एक स्वायत्त अनुसंधान और विकास संस्थान, पाउडर धातुकर्म और नई सामग्री के लिए अंतर्राष्ट्रीय उन्नत अनुसंधान केंद्र (इन्टरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर-एआरसीआई) में सेंटर फॉर इंजीनियर्ड कोटिंग्स के वैज्ञानिकों ने नोवेल नैनोस्ट्रक्चर्ड निकेल अलॉय कोटिंग्स का निक्षेपण (डिपोजीशन) करने के लिए प्रयोगशाला –स्तरीय (लैब- स्केल) प्रक्रिया विकसित की है। यह प्रक्रिया स्पंदित विद्युत धारा इलेक्ट्रोप्लेटिंग (पल्स्ड करेंट इलेक्ट्रोप्लेटिंग) का उपयोग करती है, जो उच्च उत्पादन क्षमता के साथ पर्यावरणीय रूप से मृदुल सौम्य है। क्रोम प्लेटिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले पारंपरिक प्रत्यक्ष विद्युत धारा (करंट) के विपरीत एआरसीआई में डॉ नितिन पी. वासेकर के नेतृत्व वाले अनुसंधान समूह ने इलेक्ट्रोप्लेटिंग उद्देश्य के लिए कुछ मिलीसेकंड की अवधि के स्पंदों (पल्सेस) के रूप में विद्युत प्रवाह का उपयोग किया है।
इस प्रक्रिया में निकेल और टंगस्टन आयनों से युक्त पर्यावरण के अनुकूल विद्युत अपघट्य (इलेक्ट्रोलाइट) होते हैं जो तात्विक टंगस्टन (डब्ल्यू) और निकल (एनआई) को सुदृढ़ करने का स्रोत हैं। स्पंदित विद्युत धारा (पल्स्ड करेंट) जिसे लेपित किए जाने वाले घटकों के बीच प्रवाहित किया जाता है, यहां कैथोड और गैर-उपभोज्य (नॉन–कंज्यूमेबल) एनोड के रूप में कार्य करती है।
स्पंदित (पल्स्ड) विद्युत धारा प्रभाव का उपयोग नैनो-क्रिस्टलीय कोटिंग्स के लिए किया गया था जिसमें बहुत कम अवधि के लिए उच्च तात्क्षणिक धारा घनत्व के परिणामस्वरूप न्यूक्लिएशन की उच्च दर होती है। पारंपरिक डायरेक्ट करंट प्लेटिंग के विपरीत, कोटिंग्स वस्तुतः सरंध्रता मुक्त (पोरोसिटी फ्री) थीं और कम से कम हाइड्रोजन अपटेक के साथ भ्रंश मुक्त थीं। स्पंदित करंट के उपयोग के परिणामस्वरूप उच्च कठोरता (700-1200 एचवी) और धारणीय प्रतिरोध (वीयर रेजिस्टेंट) के साथ निकेल- टंगस्टन मिश्र धातु कोटिंग्स का नैनो- क्रिस्टलीकरण हुआ। चढ़ाई गई परत (कोटिंग) अत्यधिक संक्षारण प्रतिरोधी थी और 700 घंटे तक लवण फुहार का सामना कर सकती थी।
एआरसीआई में विकसित यह कोटिंग्स बिना तापीय मृदुलन (थर्मल सॉफ्टनिंग) के 500 डिग्री सेल्सियस तक तापमान का सामना कर सकती है और पारंपरिक क्रोम प्लेटिंग की तुलना में डाई- घटकों के जीवन को कम से कम दो गुना बेहतर बना सकती हैI इन प्रविधियों प्लास्टिक बॉटलिंग उद्योग में उपयोग किए जाने वाले डाई-कास्टिंग घटकों पर सफलतापूर्वक अनुप्रयोग किया गया, जिसमें डाई इंटरफ़ेस पर तापमान 280 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो सकता है। इन कोटिंग्स के लिए वाहन उद्योग (ऑटोमोटिव), रक्षा और वांतरिक्ष (एयरोस्पेस) में कई अनुप्रयोगों के साथ इस प्रक्रिया की जानकारी पारंपरिक क्रोम प्लेटिंग के प्रतिस्थापन के रूप में हस्तांतरण के लिए अब तैयार है।