केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी सरकार कभी ये हिमाकत नहीं कर सकती कि वो कोई ऐसा कानून बनाए, जो किसानों का नुकसान करने वाला हो। भारत सरकार ने कृषि सुधार कानून बनाए, जिनके माध्यम से किसान चाहे तो मंडी के बाहर भी, कहीं भी, किसी को भी मनचाही कीमत पर अपनी फसल बेच सकता है।
कृषि मंत्री तोमर ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने किसानों को मंडी के बाहर उपज की खरीद-बिक्री पर किसी भी तरह के टैक्स से माफी दी, बिना टैक्स के कहीं भी उपज बेचने की अनुमति दीऔर कानूनी बंदिशों से आजादी दी, तो इसमें गलत क्या है।
उन्होंने कहा कि जो राज्य सरकारें टैक्स लगा रही है, उनके खिलाफ तो नहीं बोल रहे है, आंदोलनकारी भाई भी उन लोगों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, जिन्होंने (भारत सरकार ने) किसानों की फसल पर टैक्स माफ कर दिया।
कृषि मंत्री तोमर ने सवाल उठाया कि क्या यह आंदोलन न्यायोचित है, तो किसानों ने एक स्वर से आवाज उठाई-नहीं। किसानों द्वारा सरकार के समर्थन में सकारात्मक प्रत्युत्तर पर कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि दुर्भाग्य से यह आंदोलन हो रहा है, हमारे देश में लोकतंत्र है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और कुछ लोग तो देश में ऐसे है कि जब सुबह उनकी नींद खुलती है, तभी से वे मोदी जी को कोसने का, रात को सोने तक, संकल्प ले लेते हैं। बस, अंतर इतना ही है कि कभी चेहरा किसी का होता है, कभी चेहरा किसी और का। कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी जी देश को आगे बढ़ा रहे है, यह बहुत सारे लोगों को रास नहीं आ रहा है।