Tuesday, November 26, 2024
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सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार-2023 के लिए उड़ीसा और मणिपुर का चयन

संस्थागत श्रेणी में ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) और लुंगलेई फायर स्टेशन (एलएफएस), मिजोरम, दोनों का ही वर्ष 2023 के लिए आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार-2023 के लिए चयन किया गया है। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा दिए गए अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा को मान्‍यता देने तथा उन्‍हें सम्मानित करने के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार नामक एक वार्षिक पुरस्‍कार की स्‍थापना की है। 

इस पुरस्कार की घोषणा हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर की जाती है। इस पुरस्‍कार में चयनित संस्था को 51 लाख रुपये नगद और एक प्रमाण पत्र तथा व्यक्तिगत मामले में 5 लाख रुपये नगद और एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में, देश ने आपदा प्रबंधन प्रथाओं, तैयारी, शमन और प्रतिक्रिया कार्य प्रणाली में काफी सुधार किया है, जिसके परिणामस्वरूप प्राकृतिक आपदाओं के दौरान हताहत होने वाले लोगों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है।

वर्ष 2023 के पुरस्कार के लिए 1 जुलाई, 2022 से नामांकन आमंत्रित किए गए थे। वर्ष 2023 की पुरस्कार योजना का प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। पुरस्कार योजना के तहत विभिन्‍न संस्थानों और व्यक्तियों से 274 वैध नामांकन प्राप्त हुए थे।

आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में 2023 के पुरस्कार के विजेता

ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) को ओडिशा में आई भारी चक्रवात त्रासदी के बाद 1999 में स्थापित किया गया था। ओएसडीएमए ने ओडिशा आपदा मोचन कार्य बल (ओडीआरएएफ), मल्टी-हैज़र्ड अर्ली वार्निंग सर्विस (एमएचईडब्‍ल्‍यूएस) फ्रेमवर्क और सतर्क (डायनेमिक रिस्क नॉलेज पर आधारित आपदा जोखिम सूचना का आकलन, ट्रैकिंग और चेतावनी सूचक प्रणाली) नामक अत्याधुनिक तकनीक-सक्षम वेब/स्मार्टफ़ोन सहित अनेक पहलों की शुरुआत की थी। ओएसडीएमए ने विभिन्न चक्रवातों, हुदहुद (2014), फानी (2019), अम्फान (2020) और ओडिशा बाढ़ (2020) के दौरान प्रभावी रूप से कार्य किया है। ओएसडीएमए ने समुद्र तट से 1.5 किलोमीटर के दायरे में स्थित 381 सुनामी संभावित गांवों/वार्डों और 879 बहुउद्देश्यीय चक्रवात/बाढ़ आश्रयों में सामुदायिक लचीलापन बनाने के लिए आपदा तैयारी संबंधी पहल आयोजित की थीं।

लुंगलेई फायर स्टेशन, मिजोरम ने जंगल में लगी प्रचंड आग को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया था। लुंगलेई शहर से घिरे इन निर्जन वन क्षेत्रों में आग लगने की सूचना 24 अप्रैल 2021 को प्राप्‍त हुई थी जो 10 से अधिक ग्राम परिषद क्षेत्रों में फैल गयी थी। लुंगलेई फायर स्टेशन पर तैनात कर्मियों ने स्थानीय नागरिकों की सहायता से 32 घंटे से अधिक समय तक लगातार काम किया, जिस दौरान उन्होंने नागरिकों को प्रेरित किया और उन्‍हें मौके पर ही आग बुझाने के बारे में प्रशिक्षण दिया। आग बुझाने के इस कार्य में दमकल और आपातकालीन कर्मचारियों की बहादुरी, साहस एवं त्वरित प्रयासों के कारण जान-माल की कोई हानि नहीं हुई और जंगल में लगी आग को राज्य के अन्य हिस्सों में फैलने से रोक दिया गया।

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