प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यूरोप के तीन देशों की तीन दिवसीय यात्रा के पहले दिन जर्मनी के संघीय गणराज्य के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ के साथ द्विपक्षीय बैठक की। यह बैठक भारत और जर्मनी के बीच द्विवार्षिक अंतर सरकारी परामर्श के छठे दौर से पहले आयोजित की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और चांसलर शोल्ज़ ने संघीय चांसलर के कार्यालय में पीएम मोदी की अगवानी की। इसके बाद दोनों राजनेताओं की बैठक आमने-सामने हुई जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इन चर्चाओं में समग्र रणनीतिक साझेदारी के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम के मद्देनजर द्विपक्षीय सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया।
बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि मुझे ख़ुशी है कि इस वर्ष की मेरी पहली विदेश यात्रा जर्मनी में हो रही है। इस वर्ष के शुरुआत में किसी विदेशी लीडर के साथ मेरी पहली टेलीफोन वार्ता भी मेरे मित्र चांसलर शोल्ज़ के साथ हुई थी। चांसलर शोल्ज़ के लिए भी आज की भारत-जर्मनी IGC इस वर्ष में किसी भी देश के साथ पहली IGC है। ये कई फर्स्ट्स दर्शाते हैं कि भारत और जर्मनी, दोनों ही देश इस महत्वपूर्ण partnership को कितनी प्राथमिकता दे रहे हैं। लोकतांत्रिक देशों के तौर पर भारत और जर्मनी कई common मूल्यों को साझा करते हैं। इन साझा मूल्यों और साझा हितों के आधार पर पिछले कुछ वर्षों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
उन्होंने कहा कि हमारी पिछली IGC वर्ष 2019 में हुई थी। तब से विश्व मे महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। कोविड-19 महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डाला है। हाल की जियोपोलिटिकल घटनाओं ने भी दिखाया कि विश्व की शांति और स्थिरता कितनी नाजुक स्थिति में है, और सभी देश कितने inter-connected हैं। यूक्रेन के संकट के आरम्भ से ही हमने तुरंत युद्ध-विराम का आह्वान किया, और इस बात पर जोर दिया था कि विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र उपाय है। हमारा मानना है कि इस युद्ध में कोई विजयी पार्टी नहीं होगी, सभी को नुकसान होगा। इसीलिए हम शांति के पक्ष में है।
पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष से उत्पन्न उथल-पुथल के कारण तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं; विश्व में खाद्यान्न और फ़र्टिलाइज़र की भी कमी हो रही है। इस से विश्व के हर परिवार पर बोझ पड़ा है, किन्तु विकासशील और गरीब देशों पर इसका असर और गंभीर होगा। इस संघर्ष के humanitarian impact से भारत बहुत ही चिंतित है। हमने अपनी तरफ से यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजी है। हम अन्य मित्र देशों को भी अन्न निर्यात, तेल आपूर्ति और आर्थिक सहायता के माध्यम से मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज छठी IGC से भारत-जर्मनी भागीदारी को एक नई दिशा मिली है। इस IGC ने Energy और Environment दोनों क्षेत्रों में हमारे सहयोग को महत्वपूर्ण गाइडेंस दिया है। मुझे विश्वास है कि आज किए गए निर्णयों का हमारे क्षेत्र और विश्व के भविष्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आज हम Indo-Germany Partnership on Green and Sustainable Development लॉन्च कर रहे है। भारत ने ग्लासगो में अपने climate ambition को बढ़ा कर विश्व को यह दर्शाया कि हमारे लिए green and sustainable growth एक आर्टिकल ऑफ़ फैथ है। इस नयी पार्टनरशिप के तहत, जर्मनी ने वर्ष 2030 तक 10 बिलियन यूरो की अतिरिक्त विकास सहायता से भारत के ग्रीन ग्रोथ प्लान्स को सपोर्ट करने का निर्णय लिया है। इस के लिए मैं जर्मनी और चांसलर शोल्ज़ को धन्यवाद देता हूँ।
हमारे complimentary strengths को देखते हुए हमने एक Green Hydrogen Task Force भी बनाने का निर्णय लिया है। दोनों देशों मे Green हाइड्रोजन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में यह बहुत उपयोगी रहेगा। भारत और जर्मनी दोनों को ही अन्य देशों में Development cooperation का लम्बा अनुभव है। आज हमने अपने अनुभवों को जोड़ कर त्रिपक्षिया cooperation के जरिये तीसरे देशों में संयुक्त परियोजनाओं पर कार्य करने का भी निर्णय लिया है। हमारा यह सहयोग विकासशील विश्व के लिए पारदर्शी और sustainable विकास परियोजनाओं का विकल्प प्रदान करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि Post-COVID काल में भारत अन्य बढ़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले सबसे तेज़ growth देख रहा है। हमें विश्वास है कि भारत वैश्विक रिकवरी का महत्वपूर्ण स्तंभ बनेगा। हाल ही में हमने बहुत कम समय में UAE तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किये। EU के साथ भी हम FTA वार्ताओं में शीघ्र प्रगति के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत के कुशल कामगारों और प्रोफेशनल्स से कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ मिला है। मुझे विश्वास है कि भारत और जर्मनी के बीच हो रहे Comprehensive Migration & Mobility Partnership Agreement से दोनों देशों के बीच आवाजाही सुगम बनेगी।