भारतीय रेलवे, ट्रेन के डिब्बों को व्यवस्थित और स्वच्छ रखने और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मानदंडों और मानकों के अनुसार यात्रियों को अच्छी गुणवत्ता का शुद्ध स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराने के हर संभव प्रयास करता है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि ट्रेनों में स्वच्छता मानकों को बनाए रखने और खानपान सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार लाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा रेलगाड़ियों से मानव अपशिष्ट के सीधे निस्तारण को समाप्त करने के लिए यात्री ढोने वाले डिब्बों के पूरे बेड़े में जैव-शौचालयों की स्थापना की गई है।
ट्रेनों के शौचालयों सहित कोचों की मशीन से सफाई दोनों छोर पर की जाती है। ट्रेनों में चलने के दौरान कोच के शौचालयों, दरवाजों, गलियारों और यात्री डिब्बों की सफाई के लिए लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस (ओबीएचएस) प्रदान की गई है।
नामांकित स्टेशनों पर उनके निर्धारित ठहराव के दौरान शौचालयों की सफाई सहित चिन्हित ट्रेनों में सीमित मशीनीकृत सफाई पर ध्यान देने के लिए क्लीन ट्रेन स्टेशन (सीटीएस) योजना भी चलाई गई है।
रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों के स्वच्छता मानकों में महत्वपूर्ण और स्थायी सुधार करने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत अभियान के तहत विशेष स्वच्छता अभियान और भारतीय रेलवे पर नियमित रूप से स्वच्छता अभियान आयोजित किए जाते हैं। भारतीय रेलवे अत्याधुनिक सफाई तंत्र लगाकर शौचालयों और वॉशरूम की सफाई के मानकों में सुधार करने का लगातार प्रयास कर रहा है।
बेस किचन/रसोई इकाइयों का उन्नयन किया गया। स्रोत पर भोजन तैयारी की बेहतर निगरानी के लिए उन्नत बेस किचन/रसोई इकाइयों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों सहित रेलवे/आईआरसीटीसी अधिकारियों द्वारा नियमित और औचक निरीक्षण किया जाता है। ट्रेनों में ऑन बोर्ड आईआरसीटीसी पर्यवेक्षकों की तैनाती भी की गई है।
इसके अलावा, ट्रेनों में खानपान सेवाओं में सुधार के उपाय के रूप में, आईआरसीटीसी को उसी टैरिफ के भीतर मेनू को अनुकूलित करने की छूट दी गई है ताकि क्षेत्रीय व्यंजनों/पसंदों, मौसमी व्यंजनों, त्योहारों के दौरान आवश्यकता के अनुसार खाद्य पदार्थों को पेश किया जा सके। यात्रियों के विभिन्न समूहों की प्राथमिकताएँ जैसे मधुमेह संबंधी भोजन, शिशु आहार, बाजरा आधारित स्थानीय उत्पादों सहित स्वास्थ्यवर्धक भोजन के विकल्प आदि शामिल किए जा सकें।
खाद्य पैकेटों पर क्यूआर कोड पेश किए गए हैं जो रसोई का नाम, पैकेजिंग की तारीख आदि जैसे विवरण प्रदर्शित करते हैं। पैंट्री कारों और रसोई इकाइयों में स्वच्छता और साफ-सफाई की जांच के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट किया जाता है। ग्राहक संतुष्टि सर्वेक्षण भी आयोजित किया जाता है। खाद्य सुरक्षा मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI), प्रत्येक खानपान इकाई के नामित खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।
स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता पर यात्रियों की शिकायतों/सुझावों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के लिए एक समर्पित ‘रेल मदद पोर्टल’ स्थापित किया गया है। सभी शिकायतें जो ट्विटर हैंडल @आईआर केटरिंग, सीपीजीआरएएमएस, ई-मेल, एसएमएस आदि के माध्यम से प्राप्त हुईं तुरंत उनकी निगरानी की जाती है, और उनका समाधान किया किया जाता है।
अधिकारियों और पर्यवेक्षकों के स्तर पर शौचालयों सहित साफ-सफाई तथा भोजन की गुणवत्ता की नियमित जांच एवं औचक जांच की जाती है और जहां भी कोई कमी देखी जाती है, वहां दंडात्मक और सुधारात्मक कार्रवाई की जाती है।