भारतीय रेलवे प्रधानमंत्री मोदी के 71वें जन्मदिन के अवसर पर रेल कौशल विकास योजना का शुभारंभ किया है। रेल कौशल विकास योजना के अंतर्गत भारतीय रेल के 17 जोन एवं 7 उत्पादन इकाइयों के 75 प्रशिक्षण केंद्रों में 18 कार्य दिवसों में 100 घंटे का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा।
रेल कौशल विकास योजना की लॉन्चिंग करते हुये रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना के लिए आज के दिन को इसलिए चुना गया है, क्योंकि आज पीएम मोदी का जन्मदिवस है। साथ ही आज विश्वकर्मा पूजा है, इसलिए भी आज का ही दिन इस योजना की लॉन्चिंग के लिए चुना गया है।
रेल कौशल विकास योजना के अंतर्गत रेलवे के 75 प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से 2024 तक 50,000 युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें भारतीय रेल के कुशल प्रशिक्षक, युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे।
योजना के अंतर्गत सभी 18 से 35 वर्ष आयु के वे युवा जो 10वीं कक्षा पास कर चुके हैं, उन्हें मेरिट के आधार पर नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा। रेल कौशल विकास योजना के माध्यम से व्यावहारिक व टैक्निकल कोर्स मॉड्यूल्स के आधार पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमे प्रैक्टिकल प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना में पीएम मोदी का विजन निहित है। शुरुआती दौर में इस योजना के तहत 50 हजार लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी। अभी इसके लिए 4 ट्रेड तय किए हैं, जो फिटर, वेल्डर, मशीनिंग और इलेक्ट्रीशियन हैं। ये चारों बहुत जरूरी है, किसी भी इंडस्ट्री में इसकी जरूरत रहती ही है।
उन्होंने कहा कि हालांकि, अभी भी रेलवे की तरफ से एक्स अप्रेंटिस के तहत लोगों को ट्रेनिंग दी जाती है और साथ ही उन्हें स्कॉलरशिप भी मिलती है। पहले तो अप्रेंटिस करने वाले सभी लोग रेलवे में ही नौकरी भी करने लगते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। फिर भी इन लोगों को तमाम टेस्ट में करीब 30 फीसदी की छूट मिलती है।
उन्होंने आने वाले दिनों में इंस्ट्रूमेंटेशन, सिग्नलिंग से जुड़े काम, कॉन्क्रीट मिक्सिंग, रॉड बेंडिंग, कॉन्क्रीट टेंस्टिंग, इलेक्ट्रॉनिक कार्ड रिप्लेसमेंट जैसे ट्रेड को भी जोड़े जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि ये सारे ट्रेनिंग सेंटर रिमोट एरिया में हैं और पीएम मोदी का विजन भी यही है कि समाज के आखिरी छोर तक लाभ पहुंचे।