विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम महारत्न कंपनी आरईसी लिमिटेड को आपदा प्रबंधन में असाधारण प्रदर्शन करने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स (आईओडी) द्वारा प्रदत्त प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
आपदा प्रबंधन हेतु गोल्डन पीकॉक पुरस्कार प्रभावी जोखिम मूल्यांकन रणनीतियों को लागू करने के लिए आरईसी की निरंतर प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालता है, जिससे प्रतिस्पर्धी व्यापार परिदृश्य में संगठन के सतत विकास एवं लचीलेपन में योगदान होता है।
इस तरह से सम्मान और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी विद्युत क्षेत्र के लिए इसके परिचालन में उत्कृष्टता एवं नवाचार के प्रति आरईसी की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करती है।
भारत में वर्ष 1991 के दौरान इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स (आईओडी) द्वारा स्थापित किये गए गोल्डन पीकॉक पुरस्कार कॉर्पोरेट उत्कृष्टता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित मानक के रूप में उभर कर सामने आए हैं। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएन वेंकटचलैया की अध्यक्षता वाले जूरी पैनल द्वारा इस पुरस्कार के लिए आरईसी लिमिटेड का चयन किया गया था।
आरईसी के निदेशक (परियोजनाएं) वीके सिंह और आरईसी में कार्यकारी निदेशक (वित्त) दलजीत सिंह खत्री ने लंदन में आयोजित एक शानदार समारोह में आरईसी की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया।
आरईसी लिमिटेड एक गैर बैंकिंग वित्तीय संस्था है जो पूरे भारत में विद्युत क्षेत्र के वित्तपोषण एवं विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करती है। वर्ष 1969 में स्थापित की गई आरईसी लिमिटेड ने अपने क्रियान्वयन के पचास वर्ष से अधिक का समय पूरा कर लिया है। यह राज्यों के बिजली बोर्डों, राज्य सरकारों, केंद्र व राज्य बिजली व्यवस्थाओं, स्वतंत्र बिजली उत्पादकों, ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों तथा निजी क्षेत्र से जनोपयोगी सेवा प्रदाताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
इसकी व्यावसायिक गतिविधियों में संपूर्ण बिजली क्षेत्र पर आधारित मूल्य श्रृंखला में अधिकतम परियोजनाओं जैसे उत्पादन, पारेषण, वितरण और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए वित्तपोषण करना शामिल है। आंकड़ों के अनुसार आरईसी द्वारा उपलब्ध कराई गई वित्तीय मदद से भारत में हर चौथा बल्ब प्रकाशमय होता है। आरईसी लिमिटेड ने हाल ही में बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के वित्तपोषण में भी सेवाएं प्रारंभ की हैं।