रामगढ़ (हि.स.)। रिटायर्ड रेलवे अधिकारी अशर्फी प्रसाद ने अपनी पत्नी के लिए रामगढ़ शहर के विद्यानगर में आशियाना बनाया था। करोड़ों रुपए की लागत से बेहद शानदार और खूबसूरत मकान दो साल पहले ही बनकर तैयार हुआ था। उन्होंने इस आशियाने का नाम भी अपनी पत्नी के नाम पर ‘सुशीला निवास’ रखा।
मूल रूप से बिहार राज्य के बेतिया जिला अंतर्गत शिवराजपुर गांव के रहने वाले अशर्फी प्रसाद बरकाकाना रेलवे स्टेशन से सेवानिवृत हुए थे। उनके घर के बाहर और अंदर का इंटीरियर इतना खूबसूरत था कि लोगों की नजर उस घर से हटती ही नहीं थी। लेकिन गुरुवार को अचानक अपराधियों की धमक उस घर पर पड़ी और उस आशियाने को उन लोगों ने श्मशान बना दिया। सुशीला निवास के रसोई घर में 60 वर्षीया सुशीला देवी के सिर पर भारी हथियार से हमला हुआ और वहीं खून से लथपथ लाश पड़ी रही।
सुरक्षा के लिए लगा था सीसीटीवी कैमरा, अपराधी साथ ले गए डीवीआर
अशर्फी प्रसाद ने अपने परिवार और घर की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा भी इंस्टॉल कराया था। मुख्य द्वार से लेकर ग्राउंड फ्लोर और घर के हॉल में भी कैमरे लगे हुए थे। यूं कहें कि उनका पूरा घर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में था। इस बात की खबर भी अपराधियों को बखूबी थी। तीन लड़के और एक लड़की बेहद सालीकेदार कपड़े पहने उनके घर में घुसते हैं। ऐसा दर्शाते हैं कि आसपास वालों को यह लगे कि वे सुशीला देवी के रिश्तेदार हैं। 1 घंटे के भीतर उन चारों लोगों ने हत्याकांड को अंजाम दिया और फिर घर में लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर अपने साथ लेकर चलते बने। ताकि पुलिस को अपराधियों की पहचान करने में मुश्किल हो।
सबूत मिटाने के लिए लगाई गई आग
हत्या करने के बाद अपराधियों ने सबूत मिटाने के लिए पूरा प्रयास किया है। चारों अपराधी घर में घुसे और बेखौफ होकर सुशीला देवी की हत्या की। साक्ष्य मिटाने के लिए उन लोगों ने पूरे घर को तीतर-बितर कर दिया। घटनास्थल पर ऐसा सीन बनाया गया कि लोगों को यह लगे कि उस घर में लूटपाट हुई है। आलमीरा, पलंग और सभी लॉकर को खोलकर सामान को बिखेरा गया था। इसके बाद भी उन लोगों ने अपने सबूत मिटाने के लिए एक दूसरा हथकंडा भी अपनाया। घर के मास्टर बेडरूम में अपराधियों ने आग लगा दी। यह दृश्य यह बताने के लिए था कि लोगों को वहां शॉर्ट सर्किट होने का आभास हो।
तेजी से भागते लड़के लड़कियों को देख मोहल्ले वालों ने किया पीछा
अपराधियों को देखने वाले चश्मदीद प्रदीप चक्रवर्ती ने बताया कि वह अपने घर में झाड़ू लगा रहे थे। इसी दौरान उन्होंने अशर्फी प्रसाद के घर के बाहर संदिग्ध रूप से घूमते हुए तीन लड़के और एक लड़की को देखा। लेकिन उन्हें यह पता चला कि प्रणाम कर वे लोग अंदर घुसे हैं, तो ऐसा महसूस हुआ कि वह उनके जान पहचान के होंगे। लेकिन कुछ ही देर बाद अचानक चारों लोग काफी तेजी से हड़बड़ा कर बाहर भागते हुए नजर आए। यह देखकर प्रदीप चक्रवर्ती ने झाड़ू फेंका और उन लोगों का पीछा किया। लेकिन चारों लोग गली से निकलते ही अचानक हवा की तरह गायब हो गए। किसी को उनकी कोई भनक तक नहीं लगी।
अशर्फी प्रसाद को मोहल्ले वालों ने फोन पर पूरी घटना नहीं बताई, लेकिन यह कहा कि मोहल्ले में बिजली नहीं है। वे इसीलिए उन्हें फोन कर रहे हैं। अशर्फी प्रसाद ने बिजली नहीं होने की जानकारी लेने के लिए अपने घर में भी कोलकाता से ही फोन लगाया। लेकिन उनका फोन वहां नहीं उठा। अशर्फी प्रसाद ने मोहल्ले वासियों को बताया कि घर में कोई फोन नहीं उठा रहा है। इसके बाद पुलिस ने इस वारदात की जानकारी अशर्फी प्रसाद को दी।