पश्चिम रेलवे ने नए अपग्रेड किए गए तेजस स्लीपर कोच रैक पेश किए हैं, जिससे ज्यादा आराम के साथ ट्रेन यात्रा अनुभव के एक नए दौर का पता चलता है। ज्यादा अच्छी खूबियों के साथ चमकीले सुनहरे रंग के कोच पश्चिम रेलवे द्वारा परिचालित प्रतिष्ठित मुंबई राजधानी एक्सप्रेस में पेश किए जा रहे हैं और इस तरह अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ यात्रा अनुभव देने का दावा किया जा सकेगा। इस नई रैक का 19 जुलाई को पहली बार परिचालन हुआ।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जन संपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने कहा, तेजस स्मार्ट कोच के इस्तेमाल से, भारतीय रेल का उद्देश्य निवारक रखरखाव के बजाय अनुमानित रखरखाव की ओर बढ़ना है। लंबी दूरी के सफर के लिए इस आधुनिक तेजस स्लीपर टाइप ट्रेन की पेशकश, भारतीय रेल द्वारा यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव में सुधार के लिए बदलाव का एक अन्य उदाहरण है। उन्होंने यह भी कहा कि तेजस टाइप स्लीपर कोच का निर्माण मॉडर्न कोच फैक्ट्री में किया गया है, जो धीरे-धीरे भारतीय रेल नेटवर्क की प्रीमियम लंबी दूरी की ट्रेनों की जगह ले लेंगे।
पश्चिम रेलवे की सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित और प्रीमियम ट्रेनों में से एक ट्रेन संख्या 02951/52 मुंबई- नई दिल्ली राजधानी स्पेशल एक्सप्रेस की मौजूदा रैक को बिल्कुल नए तेजस टाइप स्लीपर कोचों से बदला जा रहा है। राजधानी एक्सप्रेस के रूप में संचालन के लिए दो तेजस टाइप स्लीपर कोच रैक तैयार कर दी गई हैं। इन दोनों रैक में से, एक रैक में विशेष तेजस स्मार्ट स्लीपर कोच शामिल हैं, जो भारतीय रेल में पेश होने वाली अपनी तरह की पहली ट्रेन है।
स्मार्ट कोच का उद्देश्य इंटेलिजेंट सेंसर-आधारित सिस्टम की मदद से यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करना है। यह जीएसएम नेटवर्क कनेक्टिविटी के साथ प्रदान की गई यात्री सूचना और कोच कम्प्यूटिंग यूनिट से लैस है, जो रिमोट सर्वर को रिपोर्ट करता है। पीआईसीसीयू डब्ल्यूएसपी, सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, टॉयलेट गंध सेंसर, पैनिक स्विच और आग का पता लगाने और अलार्म सिस्टम के साथ एकीकृत अन्य वस्तुओं, वायु गुणवत्ता और चोक फिल्टर सेंसर और ऊर्जा मीटर का डेटा रिकॉर्ड करेगा।
सीपीआरओ ठाकुर ने बताया कि तेजस स्मार्ट कोच के उपयोग के साथ, भारतीय रेलवे का लक्ष्य निवारक अनुरक्षण के बजाय भविष्यसूचक अनुरक्षण की ओर आगे बढ़ना है। लम्बी दूरी की यात्रा के लिए इस आधुनिक तेजस टाइप स्लीपर ट्रेन की शुरुआत, यात्रियों के यात्रा अनुभव को बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा एक और आदर्श बदलाव है।