ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के इच्छुक चालकों को अब आरटीओ के चक्कर लगाने और ड्राइविंग टेस्ट देने जाने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय से मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्रों से प्रशिक्षित चालक अब सीधे ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मान्यता प्राप्त ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्रों के लिए अनिवार्य नियमों को अधिसूचित कर दिया है। ये नियम 1 जुलाई, 2021 से लागू होंगे। ऐसे केंद्रों पर नामांकन करने वाले उम्मीदवारों को उचित प्रशिक्षण और जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के अनुसार मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्रों में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आये उम्मीदवारों को उच्च गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण केंद्र सिमुलेटर और खास ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक से युक्त होगा। इन केंद्रों पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत आवश्यकताओं के अनुसार उपचारात्मक और रिफ्रेशर पाठ्यक्रम का लाभ उठाया जा सकता है।
इन केंद्रों पर सफलतापूर्वक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय ड्राइविंग टेस्ट की आवश्यकता से छूट मिलेगी। वर्तमान में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) द्वारा ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है। ड्राइवरों को ऐसे मान्यता प्राप्त ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों से प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा इन केंद्रों को उद्योगों की जरूरत के अनुसार विशिष्ट प्रशिक्षण भी प्रदान करने की अनुमति दी गई है।
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के अनुसार कुशल ड्राइवरों की कमी भारतीय सड़क क्षेत्र में प्रमुख समस्याओं में से एक है। सड़क नियमों के ज्ञान की कमी के कारण बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाएं भी होती हैं। मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 की धारा 8 केंद्र सरकार को चालक प्रशिक्षण केंद्रों की मान्यता के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देती है।