Thursday, November 28, 2024
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ऊर्जा विभाग में लंबित है चतुर्थ समयमान वेतन का मामला, यूनाइटेड फोरम ने ऊर्जा मंत्री को लिखा पत्र

यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष व्हीकेएस परिहार ने ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश शासन के अनुसार ऊर्जा विभाग की सभी कंपनियों में सुनिश्चित केरियर प्रोन्नयन योजना (चतुर्थ समयमान वेतन) एवं संविदा नीति 2023 लागू करने की मांग की है। 

व्हीकेएस परिहार ने पत्र में कहा कि मप्र शासन में चतुर्थ समयमान वेतनमान माह अगस्त-2023 से लागू हो चुका है। मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक से दिनांक 07.10.2023 को हुई बैठक का कार्यवाही विवरण में लागू करने हेतु आश्वासन दिया गया था, लेकिन उक्त आदेश आज दिनांक तक लंबित है एवं फोरम के संज्ञान में आया है कि उक्त प्रकरण ऊर्जा विभाग में लंबित है। अत: आपसे निवेदन है कि मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल की सभी उत्तरवर्ती कंपनियों में उक्त आदेश शीघ्रतिशीघ्र लागू कराया जाये, जिससे कि विभिन्न कंपनियों में कार्यरत सभी वर्गों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उक्त चतुर्थ समयमान वेतन का लाभ समय से प्राप्त हो सके।

उन्होंने पत्र में कहा कि संविदा नीति-2023 हेतु निवेदन है कि मध्य प्रदेश सरकार के आदेश क्र. 5-2/2018/1/3 दिनांक 22.07.2023 को दिशा निर्देश जारी किए गए थे। यह कि उक्त दिशा निर्देश के अनुपालन में पावर मैनेजमेंट कंपनी के द्वारा भी उक्त नीति को संदर्भित पत्र क्र. (3) द्वारा स्वीकार किया गया साथ ही वितरण कंपनियों के द्वारा नवीन संविदा नीति को भी स्वीकार कर लिया गया है, जिस संबंध में विभिन्न कंपनियों के द्वारा पृथक पृथक आदेश भी जारी किए गए है।

उन्होंने पत्र में कहा कि संविदा नीति 22/7/2023 के संबंध में पावर मैनेजमेंट कंपनी के के प्रबंध संचालक से यूनाइटेड फोरम के साथ 7 अक्टूबर 2023 को हुई बैठक में यूनाइटेड फोरम द्वारा निवेदन किये जाने पर प्रबंध संचालक एमपीपीएमसीएल द्वारा आश्वस्त किया गया कि संविदा नीति 2023 में संविदा नीति 2018 से कमतर न होने हेतु प्रकरण का परीक्षण कराकर लागू किया जायेगा एवं उक्त प्रकरण ऊर्जा विभाग में लगभग 1.5 माह से लंबित है। मप्र शासन के कई विभागों द्वारा उक्त संविदा नीति को पे-निर्धारण के साथ ही लागू कर दिया गया है, लेकिन मप्र की विद्युत कंपनियों में पूर्ण विवरण आज दिनांक तक लंबित है, जिससे कि मैदानी कर्मचारियों एवं अधिकारियों में कई तरह की आशंकायें उत्पन्न हो रही है।

उन्होंने पत्र में कहा कि आपसे निवेदन है कि पूर्व से कार्यरत संविदा अधिकारी एवं कर्मचारी की वरिष्ठता का निर्धारण करते हुए नवीन संविदा नीति 2023 में न्यायोचित वेतन निर्धारण करते हुये तुरंत लागू किया जावे।

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