टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में मंगलवार को पुरुषों की ऊंची कूद टी-63 श्रेणी के फाइनल में मरियप्पन थंगावेलु ने रजत पदक और शरद कुमार ने कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है। ये दोनो पैरा एथलीट, भारतीय खेल प्राधिकरण में कोच के रूप में कार्यरत हैं। पैरालंपिक खेलों में मरियप्पन का यह दूसरा पदक है। 2016 में रियो पैरालिम्पिक में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था।
भारतीय पैरा एथलीटों के आज के प्रदर्शन के बाद पदक तालिका भारत के पदकों की संख्या 10 पर पहुंच गई। इससे पहले सिंहराज अधाना ने 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच-1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था।
फाइनल में मरियप्पन की 1.86 मीटर की सबसे ऊंची छलांग सत्र की सर्वश्रेष्ठ छलांग रही है। शरद ने 1.83 मीटर की छलांग लगाकर सत्र की अपनी सर्वश्रेष्ठ छलांग के साथ कांस्य पदक हासिल किया। दोनों पैरा एथलीट को टी-42 श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, अर्थात एथलीटों में एक या एक से अधिक प्रकार की क्षति होती है जिसमें एक या दोनों अंगों में कूल्हे या घुटने की गतिविधि सीमित अवस्था के साथ कार्य को प्रभावित करती है।
तमिलनाडु के पैरा एथलीट मरियप्पन टोक्यो पैरालिंपिक से पहले कोच सत्यनारायण के सान्निध्य में बेंगलुरु के एसएआई केंद्र में प्रशिक्षण ले रहे थे। उन्होंने 2017 में पद्म श्री और अर्जुन पुरस्कार और साथ ही 2021 में खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त किया था। शरद ने एशियन पैरा गेम्स 2018 में स्वर्ण पदक और विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2019 में रजत पदक जीता। हरियाणा के निशानेबाज सिंहराज, ने कुल 216.8 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता है।