नई दिल्ली (हि.स.)। अमेरिकी अर्थशास्त्री हैरी डेंट ने शेयर बाजार की स्थिति को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। हैरी डेंट का कहना है कि शेयर बाजार आने वाले दिनों में भारी गिरावट का शिकार हो सकता है। उनके मुताबिक ये गिरावट 2008 की मंदी में आई गिरावट से भी अधिक भयानक हो सकती है। हालांकि ये चेतावनी अमेरिकी शेयर बाजार को लेकर दी गई है लेकिन अगर अमेरिकी बाजार में बड़ी गिरावट आती है तो भारतीय शेयर बाजार भी इससे काफी हद तक प्रभावित हो सकता है।
अपनी एक रिपोर्ट में हैरी डेंट ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर शेयर बाजार काफी ऊंचाई पर पहुंच गया है। ऐसी स्थिति में जल्दी ही शेयर बाजार के बुलबुले के फूटने की आशंका बन गई है। उनके अनुसार किसी भी बाजार में तेजी का बुलबुला आमतौर पर 5 से 6 साल तक बना रहता है। उसके बाद बाजार कंसोलिडेटेड करके वापस अपने सही स्थान पर पहुंच जाता है। लेकिन शेयर बाजार में पिछले 14 साल से तेजी का बुलबुला लगातार बना हुआ है, जिसके कारण जब भी मार्केट में कंसोलिडेशन शुरू होगा, तो इससे दुनिया भर के निवेशकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
हैरी डेंट का दावा है कि शेयर बाजार में लगातार 14 साल से तेजी कायम रहने की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी सरकार द्वारा कृत्रिम तरीके से आर्टिफिशियल इकोनॉमी को मजबूत करने के लिए की गई कोशिश नजर आ रही है। ऐसी स्थिति में आर्टिफिशियल इकोनॉमी के बुलबुले का फटना लगभग तय है। अपनी रिपोर्ट में हैरी डेंट ने कहा है कि शेयर बाजार का बुलबुला फूटने पर 2007-08 के दौर से भी ज्यादा तेज गिरावट आ सकती है। उनके मुताबिक एसएंडपी 500 इंडेक्स अपने टॉप लेवल से 86 प्रतिशत तक गिर सकता है। नैस्डेक में 92 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है।
हैरी डेंट का कहना है कि अगले साल की शुरुआत में उस वक्त शेयर बाजार में इस गिरावट की शुरुआत हो सकती है, जब महंगाई को पूरी तरह से काबू में लाने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपनी मॉनेटरी पॉलिसी को सख्त करेगा। शेयर बाजार की इस गिरावट में हाउसिंग सेक्टर की सबसे बड़ी भूमिका होने की आशंका भी हैरी डेंट ने जताई है।
दरअसल, दुनिया भर के ज्यादातर शेयर बाजार अमेरिकी शेयर बाजार के ट्रेंड को फॉलो करते हैं। ऐसी स्थिति में अगर अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट आती है तो भारतीय शेयर बाजार भी काफी हद तक इससे प्रभावित हो सकता है। हालांकि अभी तत्काल भारतीय बाजार में किसी बड़ी गिरावट की आशंका नजर नहीं आ रही है।