नई दिल्ली के कर्तव्य पथ से पहली हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल बस को हरी झंडी दिखाने के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कि हरित हाइड्रोजन न केवल हरित नौकरियों के माध्यम से हरित विकास का आधार बनेगा, बल्कि यह स्वच्छ ऊर्जा रूपातंरण की दिशा में दुनिया के लिए एक उदाहरण भी स्थापित करेगा।
उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए माननीय प्रधानमंत्री ने विद्युत गतिशीलता, गैस आधारित अर्थव्यवस्था और मिशन मोड पर ग्रीन हाइड्रोजन को ले जाने के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की घोषणा की थी।
इस अवसर पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली; पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन और इंडियन ऑयल के अध्यक्ष एसएम वैद्य भी उपस्थित थे।
पहली हाइड्रोजन सेल बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए हरदीप सिंह पुरी ने हाइड्रोजन की अवधारणा और इसे भविष्य के लिए ईंधन के रूप में उपयोग करने के लाभों के बारे में बताते हुए कहा, “ईंधन सेल हाइड्रोजन और वायु का उपयोग कर बस को चलाने के लिए बिजली उत्पन्न करता है और बस का एकमात्र उप-उत्पाद पानी है, इसलिए यह डीजल और पेट्रोल पर चलने वाली पारंपरिक बसों की तुलना में संभवतः परिवहन का सबसे पर्यावरण अनुकूल साधन है। तीन गुना ऊर्जा घनत्व और हानिकारक उत्सर्जन की अनुपस्थिति के साथ, हाइड्रोजन ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक स्वच्छ, अधिक कुशल विकल्प के रूप में उभरता है।” श्री पुरी ने कहा कि इसके अतिरिक्त, हाइड्रोजन सेल से संचालित बसों को पूरी तरह से चार्ज होने में कुछ मिनट लगते हैं।
स्वच्छ और हरित ऊर्जा पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में बोलते हुए, श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हाइड्रोजन और जैव-ईंधन जैसे उभरते ईंधन अगले दो दशकों में वैश्विक वृद्धिशील ऊर्जा मांग वृद्धि का 25प्रतिशत हिस्सा होंगे। उन्होंने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े सिंक्रोनस ग्रिडों में से एक के साथ, हमने ‘वन नेशन-वन ग्रिड-वन फ़्रीक्वेंसी’ हासिल की है और जल्द ही हाइड्रोजन के उत्पादन और निर्यात में वैश्विक विजेता होंगे और हरित हाइड्रोजन के केंद्र के रूप में उभरने के लिए तैयार हैं।”
भारत को एक वैश्विक मंच पर ले जाने और यह सुनिश्चित करने में कि यह स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के लिए एक वैश्विक केंद्र बन जाए और जल्द ही ऊर्जा में आत्मनिर्भरता हासिल कर पाए पर उद्योग और सरकार के सहयोग की सराहना करते हुए, पेट्रोलियम मंत्री ने कहा “हमें दुनिया के पहले बीएस 6 (स्टेज II) विद्युतीकृत फ्लेक्स फ्यूल वाहन प्रोटोटाइप जिसमें फ्लेक्स फ्यूल इंजन के साथ-साथ एक इलेक्ट्रिक पावरट्रेन भी शामिल है और जो बेहतर ईंधन दक्षता के साथ इथेनॉल का उच्च उपयोग प्रदान करता है, के लॉन्च की जानकारी थी। अब पहली दो हाइड्रोजन सेल बसों को हरी झंडी दिखाने के साथ हमने शुरुआत कर दी है और उम्मीद है कि इस साल के अंत तक ऐसी 15 अन्य बसें दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर चलेंगी।”
हरित हाइड्रोजन चालित बसों को देश में शहरी परिवहन के लिए गेम चेंजर के रूप में चिह्नित करते हुए, श्री हरदीप सिंह पुरी ने देश में ईंधन सेल और हाइड्रोजन के बुनियादी ढांचे से संबंधित स्वदेशी समाधानों के विकास के लिए टाटा मोटर्स के साथ इस सहयोगी दृष्टिकोण को अपनाने के लिए इंडियन ऑयल की सराहना की। श्री पुरी ने कहा, “इस परियोजना की सफलता भारत को जीवाश्म ऊर्जा के शुद्ध आयातक से स्वच्छ हाइड्रोजन ऊर्जा के शुद्ध निर्यातक बनने में मदद कर सकती है।”