Monday, November 18, 2024
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जिसके वित्तीय पोषण से रोशन होता है भारत का हर चौथा बल्ब, अब वो सरकारी कंपनी सड़क बनाने के लिए भी देगी ऋण

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के अधीन महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम (सीपीएसई) आरईसी लिमिटेड ने ‘सड़कों और राजमार्गों के लिए वित्तपोषण’ विषय पर एक सम्मेलन की मेजबानी की। इसका उद्देश्य सभी प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाना और इस क्षेत्र के वित्तपोषण से संबंधित पहलुओं पर चर्चा करना था।

यह सम्मेलन 8 जनवरी, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया और इसमें सरकार व उद्योग के प्रमुख हितधारकों ने हिस्सा लिया। इनमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, भारतीय सड़क कांग्रेस, राष्ट्रीय राजमार्ग बिल्डर्स फेडरेशन और राज्य सड़क विकास संगठन के प्रतिनिधियों के साथ उद्योग नीति निर्माता व डेवलपर्स शामिल थे।

इस सम्मेलन के दौरान दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड, जीएमआर पावर और अर्बन इंफ्रा, सीडीएस इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड व डीपी जैन और कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के साथ 16,000 करोड़ रुपये के चार समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

इस सम्मेलन में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने क्षेत्र के विकास और सड़क परियोजनाओं के वित्तपोषण में सुगमता के लिए मंत्रालय की सोच का उल्लेख किया।

उन्होंने भारत की सड़कों और राजमार्गों की यात्रा के बारे में बात की। इसके आगे सचिव ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में सड़कों की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने आशा व्यक्त की कि आरईसी लिमिटेड और मंत्रालय एक साथ प्रगति करेंगे।

वहीं अपने स्वागत भाषण में आरईसी लिमिटेड के सीएमडी विवेक कुमार देवांगन ने सड़क क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने के साथ गैर-विद्युत बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए आरईसी की सोच के साथ-साथ के इसके ऋण पोर्टफोलियो के बारे में बताया।

सीएमडी श्री देवांगन ने कहा कि भारत में सड़क और राजमार्ग उद्योग हमारी आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने आगे कहा, “सरकार की भारतमाला, सागरमाला, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन जैसी पहलों ने सड़क क्षेत्र में विस्तार के लिए मंच तैयार किया है। अनुकूलित ऋण वित्तपोषण समाधानों की आवश्यकता कभी इतनी अधिक नहीं रही है। हम, आरईसी लिमिटेड इस यात्रा में भागीदार बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

इस सम्मेलन में आरईसी और सड़क व राजमार्ग एजेंसियों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं, जिसमें क्षेत्र की वित्तपोषण संबंधित चुनौतियों और अवसरों पर उनके अद्वितीय दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया। इसने ऋण देने वालों और इसे प्राप्त करने वालों, दोनों के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया, जिसके बाद एक खुले मंच पर इसकी चर्चा हुई, जिसमें सड़क और राजमार्ग डेवलपर्स के सवालों का समाधान किया गया।

आरईसी लिमिटेड, एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जो पूरे भारत में विद्युत क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करती है। इसकी स्थापना साल 1969 में हुई थी और इसने अपने परिचालन के 50 वर्ष से अधिक पूरे कर लिए हैं।

यह राज्य विद्युत बोर्डों, राज्य सरकारों, केंद्र व राज्य बिजली उपयोगिताओं, स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों, ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र की कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसकी व्यावसायिक गतिविधियों में संपूर्ण विद्युत क्षेत्र मूल्य श्रृंखला के तहत विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं, जैसे कि उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण और नवीकरणीय ऊर्जा का वित्तपोषण शामिल है।

आरईसी की ओर से प्रदत्त वित्तीय पोषण फंडिंग से भारत में हर चौथा बल्ब रोशन होता है। आरईसी ने हाल ही में बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के वित्तपोषण के क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के अंत में आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.54 लाख करोड़ रुपये की है।

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