हिंदू पंचांग के अनुसार आज रविवार 14 मार्च को फाल्गुन मास की प्रतिपदा से शुक्ल पक्ष का आरंभ हो रहा है। इसी दिन से खरमास का भी आरंभ हो रहा है. ऐसी मान्यता है कि खरमास में मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार खरमास को शुभ नहीं माना गया है। खरमास का समापन 14 अप्रैल को होगा।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्य जब बृहस्पति की राशि धनु राशि या मीन राशि में आते हैं तो खरमास का आरंभ होता है। हिंदू मान्यता के अनुसार खरमास में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और यज्ञोपवित जैसे मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं।
पौराणिक मान्यता का अनुसार खरमास में भगवान विष्णु की आराधना का विशेष महत्व है। खरमास में दान को भी बहुत विशेष माना गया है। खरमास में इष्ट देव की पूजा करने से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि खरमास में सूर्य की गति धीमी हो जाती है।