मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विभाग की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में चहुँमुखी विकास कर रहा है। विगत वर्षों में प्रगति तेज गति से हुईे है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 के बाद 22 वर्षों में प्रदेश बिजली के क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर बना है, अपितु एक विद्युत्य आधिक्य (सरप्लस स्टेट) के रूप में स्थापित हुआ है। वर्ष 2003 में विद्युत की अधिकतम मांग 6063 मेगावॉट थी और विद्युत उपलब्ध क्षमता 4673 मेगावॉट थी। वर्तमान में विद्युत उपलब्ध क्षमता 5 गुना बढ़कर 24 हजार 346 मेगावॉट हो गयी है।
उन्होंने कहा कि हम प्रदेश के इतिहास में अभी तक की सर्वाधिक 18 हजार 913 मेगावॉट अधिकतम बिजली मांग की पूर्ति बिना कटौती के करने में सक्षम रहे हैं।
मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति विद्युत खपत हुई 1332 यूनिट
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2003 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति विद्युत खपत मात्र 471 यूनिट थी, जो कि वर्ष 2024 में तीन गुना बढ़कर 1332 यूनिट हो गयी है। यह प्रदेश की समृद्धि का द्योतक है।
मध्य प्रदेश में विद्युत दरों में हुई मात्र 6.95 प्रतिशत की वृद्धि
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 से अभी तक बिजली की दरों में कुल 6.95 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो कि औसतन केवल 1.39 प्रतिशत प्रतिवर्ष रही है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में यह वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी। वर्ष 2003-04 में प्रदेश की पारेषण हानियाँ 7.93 प्रतिशत थीं, जो वर्ष 2023-24 में घटकर मात्र 2.61 प्रतिशत रह गयी हैं, जो पूरे देश में न्यूनतम हानियों में से एक है।
मध्य प्रदेश में अवैध कॉलोनियों में विद्युतीकरण के लिये बनी नीति
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि पूर्व में अवैध कॉलोनियों के लिये विद्युतीकरण का कोई प्रावधान नहीं था, जिससे रहवासियों को स्थायी कनेक्शन नहीं मिलते थे। उन्हें अधिक दरों पर बिजली मिलती थी। अब इन्हें स्थायी कनेक्शन देने के लिये नीति बनायी गयी है।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि उच्च दाब उपभोक्ताओं को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ऊर्जा के उपभोग पर ऊर्जा प्रभार की दरों में 20 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इससे प्रदेश में औद्योगीकरण बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पीएम जन-मन योजना के अंतर्गत चिन्हित विशेष रूप से जनजातीय समूहों के घरों का विद्युतीकरण अभियान चलाकर किया जा रहा है। लगभग 22 हजार घरों के विद्युतीकरण की कार्य-योजना बनायी गयी है। इसमें से फरवरी-2025 तक 16 हजार 745 घरों को विद्युत कनेक्शन दिये जा चुके हैं। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 11 हजार 377 जनजातीय बहुल क्षेत्रों में विद्युतीकरण के लिये सर्वे किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि गुणवत्तापूर्ण विद्युत उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लगातार ट्रांसफार्मर्स की संख्या बढ़ाई जा रही है। सारनी और अमरकंटक में 660-660 मेगावॉट की नई बिजली यूनिट स्थापित करने के लिये टेण्डर जारी किये जा चुके हैं। चंबल के बीहड़ों में सोलर प्लांट लगाने की योजना है। ऊर्जा मंत्री के वक्तव्य के बाद विधानसभा में ऊर्जा विभाग की 37 हजार 734 करोड़ रुपये की अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।