मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जबलपुर ग्रामीण सर्किल के जबलपुर डिवीजन के अंतर्गत पनागर डीसी में कार्यरत आउटसोर्स कर्मी कुन्नू बर्मन और एक अन्य कर्मी को जूनियर इंजीनियर के द्वारा सरसवा गांव के खेत में लगी गेहूं की फसल तक झूल रही 11 केवी लाइन को खींच कर ऊपर करने का आदेश दिया। ताकि गेहूं की फसल को किसी भी प्रकार से नुकसान न हो।
इसके लिए जूनियर इंजीनियर के द्वारा 11 केवी लाइन की सप्लाई बंद करवा दी गई थी। 11 केवी लाइन के तार जमीन से सिर्फ 8 फीट की ऊंचाई पर थे। जूनियर इंजीनियर के द्वारा 11 केवी लाइन को खींचकर ऊपर करने के लिए सिर्फ दो कर्मियों को कहा गया, जिसके बाद एक कर्मी लाइन को टाइट करने के लिए पोल में चढ़कर खींच रहा था, उसी समय 11 केवी लाइन ऊपर से जा रही 33 केवी लाइन से टकरा गया। 33 केवी लाइन का स्पार्क इतना तेज था कि आउट सोर्स कर्मी उससे झुलस गया।
33 केवी लाइन का स्पार्क लगने से आउटसोर्स कर्मी कुन्नू बर्मन का चेहरा, दोनों हाथ, सीना, बायाँ पैर बुरी तरह झुलस गए। मौके पर मौजूद सहयोगियों के द्वारा पोल में चढ़े आउटसोर्स कर्मी को जबलपुर में निजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कर दिया गया। आउटसोर्स कर्मी की उम्र लगभग 40 वर्ष है और उसके छोटे-छोटे तीन बच्चे हैं।
संघ ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन का ध्यानाकर्षण कराते हुए कहा है कि 11 केवी लाइन हो या 33 केवी लाइन हो, हमेशा जूनियर इंजीनियर के सामने ही इस तरह के ऑपरेशन कराए जाते हैं। इस घटना के दौरान भी जूनियर इंजीनियर मौके पर नहीं थे, सिर्फ कार्य करने का आदेश देकर चले गए थे।
संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, विनोद दास, लखन सिंह राजपूत, इंद्रपाल सिंह, संदीप दीपांकर, आजाद सकवार, किशोर भोंडेकर, पीएम मिश्रा, अमीन अंसारी आदि ने ठेका कंपनी- रक्षक कंपनी से मांग की है कि घायल आउटसोर्स कर्मी का इलाज कराये एवं पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि आउटसोर्स कर्मी के इलाज के लिए ₹10000 सहायता राशि तत्काल दी जाए।