मध्य प्रदेश के जबलपुर तहसीली कार्यालय में ई-ऑफिस के तहत् कर्मचारियों को दिए जा रहे प्रशिक्षण में भारी अनियमितताएं दिखाई दे रही हैं, बिना कंप्यूटर के ही कंप्यूटर चलाने का प्रशिक्षण दिया रहा है, जितने कंप्यूटर है उससे कहीं अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है।
इससे प्रशिक्षण देने वाली संस्था को कर्मचारियों के प्रशिक्षण की फीस तो संबंधित विभागों से मिल जाएगी, लेकिन कर्मचारियों को ज्ञान प्राप्त नहीं होगा। यह मात्र खानापूर्ति की तरह किया जा रहा है। ऐसा कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी कि जो कहीं नहीं होता वो मध्य प्रदेश में होता है।
मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के जिला संयोजक अटल उपाध्याय ने बताया कि विभागों से जितनी संख्या में कर्मचारी बुलाए गए हैं, उस अनुपात में व्यवस्थाएं नहीं है। प्रशिक्षण स्थल जबलपुर तहसीली कार्यालय के प्रथम तल के हाल में पर्याप्त बैठने की भी व्यवस्था नहीं है, तेज गर्मी के बावजूद कुछ अधिकांश पंखे बंद हैं, एसी-कूलर नहीं है, पीने के ठंडे पानी की व्यवस्था नहीं है।
अटल उपाध्याय ने बताया कि आज दोपहर 12:58 बजे दिए जा रहे प्रशिक्षण में समस्त कर्मचारी, विशेष तौर पर महिला कर्मचारी बेहद परेशान रहीं, जब तक कर्मचारियों को प्रैक्टिकल के साथ नहीं सिखाया जाएगा, तब तक ई-ऑफिस प्रणाली पर प्रश्न उठते रहेंगे।
मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के जिला संयोजक अटल उपाध्याय, देवेन्द्र पचौरी, आलोक अग्निहोत्री, नरेश शुक्ला, रजनीश पाडेय, केजी पाठक, अजय सिंह ठाकुर, योगेंद्र मिश्रा , राजू मस्के, अरुण पटेल, शैलेष गौतम, रामदास बरकडे, सतीष उपाध्याय ने प्रशिक्षण के लिए समस्त कर्मचारियों को कंप्यूटर उपलब्ध कराने के साथ बैठने, कूलर या पंखों के साथ पीने के ठंडे पानी, बाथरूम की व्यवस्था करने की मांग की है।