अयोध्या (हि.स.)। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए नवनिर्मित राम मंदिर में अनुष्ठान लगातार जारी है। अनुष्ठान के चौथे दिन यानी शुक्रवार को वैदिक रीति-रिवाज एवं अरणिमंथन से अग्नि प्रकट हुईं और उसे यज्ञ के नवकुण्डों में स्थापना किया गया। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञकुण्ड में आहुतियों दी गई।
उसके पूर्व गणपति आदि स्थापित देवताओं का पूजन, द्वारपालों द्वारा सभी शाखाओं का वेदपारायण, रामायणपरायण, देवप्रबोधन, औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, कुण्डपूजन एवं पंचभूसंस्कार हुआ। मण्डप में राजा श्री रामभद्र की रचना अत्यंत आकर्षक थी। उसमें सपरिवार रामजी की स्थापना एवं पूजा हुई। सायं काल पूजन एवं दिव्य आरती हुई।
इस अवसर पर समारोह के आचार्य, प्रमुख पंडित के साथ श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चम्पत राय, अनुष्ठान के यजमान ट्रस्ट सदस्य डॉ अनिल मिश्रा, विहिप संरक्षक दिनेश के साथ ट्रस्ट से जुड़े लोग उपस्थित रहे।
शनिवार को नित्य पूजन, हवन, पारायण आदि कार्य, प्रातः शर्कराधिवास, फलाधिवास, प्रासाद का 81 कलशों में स्थित विविध औषधियुक्त जल से स्नपन, प्रासाद का अधिवासन, पिण्डिका अधिवासन, पुष्पाधिवास, सायंकालिकपूजन एवं आरती होगी।