केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार आंदोलनकारी किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए तीन नए कृषि कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर राजनीति कर रहा है।
एग्रीविजन के 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसान संगठनों के के साथ 11 दौर की वार्ता की है और यहां तक कि इन कानूनों में संशोधन करने की भी पेशकश की है।
उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में निवेश बढ़े, किसानों पर लगी बंदिशें दूर हों, किसान अपनी उपज मनचाहे स्थान व मनचाहे दाम पर बेच सकंे और वह महंगी फसलों को उगाकर अपनी आय बढ़ा सकंे, इसके लिए जो कानूनी आवश्यकता थी, उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कानून बनाकर इसे पूरा किया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि आज उत्पादकता को गति देने के साथ-साथ फसल प्रबंधन करना और किसानों की आय बढ़ाना हमारा सबसे बड़ा ध्येय है। सरकार ने कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी देने के लिए इन तीन कानूनों को पारित किया है। साथ ही किसानों को इससे उनके द्वारा निर्धारित मूल्य मिल सकेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कोई भी इस पर बात करने के लिए तैयार नहीं है कि ये विरोध प्रदर्शन किसानों के हित में कैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैं यह मानता हूं कि लोकतंत्र में असहमति का अपना स्थान है, विरोध का भी स्थान है, मतभेद का भी अपना स्थान है, लेकिन क्या विरोध इस कीमत पर किया जाना चाहिए कि देश का नुकसान करें।