Monday, May 20, 2024
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अडानी डिफेंस ने कानपुर में खोला दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा कारखाना

नई दिल्ली (हि.स.)। अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने सोमवार को दक्षिण एशिया के सबसे बड़े गोला-बारूद और मिसाइल कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन कानपुर में किया। 500 एकड़ में फैले इस कारखाने में गोला-बारूद की पूरी श्रृंखला का निर्माण किया जाएगा। यह 3000 करोड़ रुपये से अधिक की निवेश योजना है, जिसमें भूमि आवंटन के 18 महीने से भी कम समय में उत्पादन शुरू हो गया है। अडानी डिफेंस पहली निजी क्षेत्र की कंपनी है, जिसने असॉल्ट राइफल, लाइट मशीन गन, स्नाइपर राइफल, कार्बाइन और पिस्तौल सहित छोटे हथियारों के संपूर्ण विकास और विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना की है।

अडानी डिफेंस ने भारतीय और वैश्विक बाजारों के लिए गोला-बारूद की पूरी श्रृंखला बनाने के लिए दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा कारखाना कानपुर में लगाया है। अडानी डिफेंस डीआरडीओ के साथ लंबी दूरी के निर्देशित बम, लंबी दूरी की एंटी-रेडिएशन मिसाइल और अत्यधिक घातक समुद्री-स्किमिंग एंटी-शिप मिसाइलों जैसी महत्वपूर्ण मिसाइल प्रणालियों पर भी काम कर रहा है। अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने अपने मिशन और रोडमैप को राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया है।

अडानी डिफेंस ने घोषणा की है कि यह कॉम्प्लेक्स भारतीय और वैश्विक बाजारों के लिए गोला-बारूद की पूरी श्रृंखला पेश करेगा, जिसमें छोटे कैलिबर गोला-बारूद के 200 मिलियन राउंड, मध्यम कैलिबर गोला-बारूद के 10 मिलियन राउंड और 155 मिमी बड़े कैलिबर गोला-बारूद के लिए एक लाख राउंड का निर्माण करने किये जाने की योजना है। अडानी डिफेंस पहली निजी क्षेत्र की कंपनी है, जिसने असॉल्ट राइफल, लाइट मशीन गन, स्नाइपर राइफल, कार्बाइन और पिस्तौल सहित छोटे हथियारों के संपूर्ण विकास और विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना की है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘अडानी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के गोला बारूद विनिर्माण परिसर’ के उद्घाटन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पड़ोस में कठिन भू-राजनीतिक वास्तविकताओं के कारण भारत के लिए अपने रक्षा क्षेत्र को मजबूत स्थिति में रखना जरूरी है। एक सभ्य देश और दुनिया की इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते अगर भारत वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ना चाहता है तो फिर भारत को अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखनी होगी।

उन्होंने कहा कि 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद से हम रक्षा कर्मियों को बेहतर सुविधाएं, बेहतर प्रशिक्षण और बेहतर रसद प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं। रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए स्वदेशीकरण, उद्योग लाइसेंस प्रक्रिया को संशोधित करने, एफडीआई सीमा बढ़ाने और निजी क्षेत्रों को सरकार की आजमाई हुई और परखी हुई सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति देने जैसे कई कदम उठाए गए हैं।

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की ओर से आयोजित ‘सेल्फ डिफेंस-फॉर इंडिया, फॉर द वर्ल्ड’ के उद्घाटन समारोह में कहा कि भारतीय सेना 2025 तक 230 अनुबंधों को लागू करने के लिए 340 स्वदेशी रक्षा उद्योगों के साथ काम कर रही है। जनरल पांडे ने कहा कि निवेश उदारीकरण से लेकर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए प्रोत्साहन, सकारात्मक स्वदेशीकरण की घोषणा, आयुध कारखानों के निगमीकरण और दो रक्षा गलियारों की स्थापना तक है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए कई कदम उठाये हैं, जिसमें औद्योगिक लाइसेंसिंग का सरलीकरण, अविनियमन, निजी की समावेशी भागीदारी शामिल है। हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए दुनिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य में आत्मनिर्भरता एक रणनीतिक अनिवार्यता है। ये घटनाक्रम इस मूलभूत तथ्य को पुष्ट करते हैं कि देश की सुरक्षा को आउटसोर्स नहीं किया जा सकता, इसलिए आत्मनिर्भर होना और हमारी रक्षा जरूरतों को पूरा करना एक अपरिहार्य आवश्यकता है।

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