Sunday, May 19, 2024
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2.19 लाख विद्युत उपभोक्ताओं के लिए सिर्फ 130 कर्मचारी और गुणवत्तापूर्ण सेवाओं का दावा

उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति और सेवाएं प्रदान करने के बिजली कंपनी के दावों की पोल कंपनी के आंकड़े ही खोल रहे हैं। ताज्जुब की बात है कि 2.19 लाख विद्युत उपभोक्ताओं के लिए सिर्फ 130 नियमित कर्मचारी पदस्थ है, सिर्फ ये आंकड़ा ही कंपनी के दावों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त हैं जबकि जमीनी हकीकत तो और भी विकट है।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों के द्वारा विगत दिवस मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जबलपुर ग्रामीण सर्किल के अधीक्षण अभियंता नीरज कुचिया के साथ बैठक कर आउटसोर्स, मीटर रीडर, संविदा एवं नियमित कर्मचारियों की लंबित समस्याओं पर चर्चा की गई।

संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में कर्मचारियों के पास सुरक्षा उपकरण का अभाव, आउटसोर्स कर्मी को ₹1000 जोखिम भत्ता न देना, आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मचारियों को एक्स्ट्रावेजेस के आदेश के बाद भी भुगतान न करना, सब स्टेशनों में फर्स्टएड बॉक्स एवं हैलोजन लाइट की व्यवस्था न होना, उपभोक्ताओं की बंद बिजली को चालू करना एवं मेंटेनेंस करने के लिए टावर गाड़ी का ना होना आदि पर चर्चा की गई।

जानकारी मांगने पर अधीक्षण अभियंता के द्वारा जानकारी दी गई कि जबलपुर ग्रामीण सर्किल के चारों संभाग में जो भी कमी होगी उसे शीघ्र ही पूर्ण कर दिया जाएगा और नियमानुसार कर्मचारियों को सभी सुविधाएं दी जावेगी। संघ द्वारा पूछने पर उन्होंने बताया कि हमारे पास ग्रामीण में उपभोक्ताओं से संबंधित तीन संभाग हैं। सिहोरा, पाटन, जबलपुर डिविजन उन तीनों में उपभोक्ताओं की संख्या 2 लाख 19 हज़ार है। ट्रांसफार्मर की संख्या 24715 है, सब-स्टेशनों की संख्या 75 है, 25 डीसी है एवं नियमित एवं संविदा कर्मचारी केवल 130 कर्मचारी हैं, जिनको करंट आदि का कार्य करने का अधिकार है।

वहीं ग्रामीण सर्किल 700 आउटसोर्स कर्मी हैं, कुछ सब-स्टेशनों में ऑपरेटर के पद पर कार्य कर रहे हैं। बाकी उपभोक्ताओं से संबंधित कार्य कर रहे हैं, लेकिन उनको किसी प्रकार से करंट का कार्य करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि आउटसोर्स कर्मी विद्युत कंपनी के कर्मचारी नहीं हैं। अधीक्षण अभियंता ने माना कि नियमित कर्मचारियों की अत्याधिक कमी है और नियमित कर्मचारी न होने से विद्युत का कार्य बहुत ही चुनौतीपूर्ण बनते जा रहा है। बैठक में संघ की ओर से मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, विनोद दास, इंद्रपाल आदि उपस्थित थे।

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